कोलकाताः कोरोना महामारी के बीच ईंधन (पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस) की बढ़ती कीमतों के विरोध में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के अलावा वाम दल भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ये पार्टियां केंद्र सरकार से ईंधन की कीमतों में कमी करने की मांग कर रही हैं. इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और वाम मोर्चा को नसीहत दे डाली है.
दिलीप घोष ने कहा है कि वह देख रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि का लगातार विरोध हो रहा है. तृणमूल और वाम मोर्चा के लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. दिलीप घोष ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों की वजह से आज तक कभी तेल की कीमतों में कमी नहीं हुई. अभी भी नहीं होगी. यह अंतरराष्ट्रीय बाजार का मामला है. इंटरनेशनल मार्केट में जब कच्चे तेल की कीमतें कम होंगी, पेट्रोलियम कंपनियां ईंधन की कीमतें खुद कम कर देंगी.
दिलीप घोष ने कहा कि वह देख रहे हैं कि तृणमूल और लेफ्ट के लोग ईंधन के बढ़े दामों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बंगाल में वैक्सीनेशन में भ्रष्टाचार और राजनीतिक हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसलिए तृणमूल और लेफ्ट भी कुछ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस इस मामले में बात नहीं करती. मैं चाहूंगा कि लेफ्ट फ्रंट को भी इन दोनों मुद्दों पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए. उन्हें इस मुद्दे पर भी विरोध प्रदर्शन करना चाहिए.
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उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने ईंधन के दाम बढ़ने से आम लोगों को हो रही परेशानियों के खिलाफ शनिवार को भी प्रदर्शन किया. पश्चिम बंगाल में पेट्रोल का दाम 101 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 92 रुपये से अधिक हो चुका है. एलपीजी सिलिंडर की कीमत 861 रुपये पर पहुंच गयी है. कोलकाता के दमदम, सेंट्रल एवेन्यू और चेतला इलाकों के अलावा दक्षिण 24 परगना के कैनिंग, हुगली के चुंचुड़ा और मालदा में प्रदर्शन किये गये.
बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि केंद्र ने पेट्रोलियम उत्पादों पर भारी कर लगाये हैं, जिससे आम जनता को काफी दिक्कतें हो रही हैं. पेट्रोलियम उत्पादों के दाम अनियंत्रित हो गये हैं. इससे तेल कंपनियों को अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए कीमतें बढ़ाने का मौका मिल गया है, ताकि उनके शेयरों के दाम भी बढ़ें. इससे केंद्र को सरकारी तेल कंपनियों को विदेशी निवेशकों को बेचने में मदद मिलेगी.
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केंद्र पर निशाना साधते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों पर बोझ कम करने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों के दामों को कमी लाने के वास्ते करों को वापस लेने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों पर कर कम करने पर विचार करना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारी बहुमत से सत्ता में आयी हैं और उन्हें इसकी समीक्षा करनी चाहिए.
भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि पेट्रोलियम पर जो टैक्स लगाया जाता है, उसमें से 40 रुपये बंगाल सरकार लेती है. ममता बनर्जी इसमें से 20 रुपये टैक्स कम कर दें. आम लोगों को बहुत राहत मिल जायेगी. इससे पहले बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यही सलाह दी थी.
Posted By: Mithilesh Jha