बंगाल में नहीं थम रही राजनीतिक हिंसा, पूर्वी मेदिनीपुर के रामनगर में तृणमूल-भाजपा में भिड़ंत
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में राजनीतिक हिंसा (Political Violence) थमने का नाम नहीं ले रही है. तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो चुके शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) और उनके परिवार के गढ़ माने जाने वाले पूर्वी मेदिनीपुर (East Medinipur) में सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टी के बीच बुधवार को भिड़ंत हो गयी. भाजपा का कहना है कि रामनगर में उसके जुलूस पर तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया, तो सत्तारूढ़ दल का आरोप है कि भगवा दल ने उसके पार्टी कार्यालय पर ईंट-पत्थर बरसाये.
पूर्वी मेदिनीपुर (रंजन माइती) : पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार के गढ़ माने जाने वाले पूर्वी मेदिनीपुर में सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टी के बीच बुधवार को भिड़ंत हो गयी. भाजपा का कहना है कि रामनगर में उसके जुलूस पर तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया, तो सत्तारूढ़ दल का आरोप है कि भगवा दल ने उसके पार्टी कार्यालय पर ईंट-पत्थर बरसाये.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के मद्देनजर बुधवार को पूर्वी मेदिनीपुर के कांथी में तृणमूल कांग्रेस की सभा थी. इसी दिन रामनगर में भाजपा ने एक जुलूस निकाला. जुलूस पर हमला हो गया और आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा. भाजपा का दावा है कि उसे 6-7 समर्थक घायल हो गये हैं. इसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस के पार्टी कार्यालय पर ईंट-पत्थरों की बारिश हो गयी. सत्तारूढ़ दल ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने यह हमला किया है.
इससे एक दिन पहले, मंगलवार को भाजपा ने इस इलाके में ‘आर नॉय अन्याय’ अभियान चलाया था. उनका आरोप है कि उनके कार्यक्रम के दौरान तृणमूल वालों ने हमला किया. विरोध में रामनगर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर दी. हमले के विरोध में इन्होंने बुधवार सुबह क्षेत्र में एक जुलूस निकाला. भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनके जुलूस पर तृणमूल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हमला कर दिया.
भाजपा का आरोप है कि हमले में उसके एक कार्यकर्ता का सिर फट गया. कई लोग घायल हो गये हैं. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. दरअसल, भाजपा में शामिल होने के बाद से जंगलमहल के कद्दावर नेता और ममता बनर्जी कैबिनेट में प्रभावशाली मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पर जबर्दस्त हमला बोलना शुरू कर दिया है. उन पर दबाव बनाने के लिए तृणमूल ने भी कमर कस ली है.
टीवी रिपोर्ट्स में कहा गया था कि शुभेंदु अधिकारी के गढ़ में स्वयं ममता बनर्जी अपने दो वरिष्ठ नेताओं कोलकाता के मेयर एवं कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकिम और सांसद सौगत रॉय के साथ कांथी में पदयात्रा एवं जनसभा करेंगी. हालांकि, ममता बनर्जी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी. फिरहाद हकिम और सौगत रॉय पूर्वी मेदिनीपुर पहुंच गये हैं. इसके बाद से ही भाजपा और तृणमूल के बीच तनाव भी बढ़ गया है.
तय कार्यक्रम के मुताबिक, फिरहाद और सौगत के नेतृत्व में कैनल पार्क से डोरमेटरी मैदान तक पदयात्रा होगी. इसके बाद डोरमेटरी मैदान में ही तृणमूल कांग्रेस की सभा होगी. सभा में रामनगर के तृणमूल विधायक और शुभेंदु अधिकारी के धुर विरोधी की पहचान रखने वाले अखिल गिरि भी मौजूद रहेंगे. बताया जा रहा है कि शुभेंदु के परिवार के तीन सदस्य अब भी तृणमूल में हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है.
शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी, जो तृणमूल के संस्थापक सदस्यों में हैं, कांथी लोकसभा क्षेत्र से टीएमसी के टिकट पर सांद चुने गये थे. वह पार्टी के न केवल सांसद, बल्कि पूर्वी मेदिनीपुर जिला के अध्यक्ष भी हैं. शुभेंदु के एक भाई दिव्येंदु अधिकारी तमलूक से तृणमूल सांसद हैं, तो दूसरे भाई सौम्येंदु कांथी पौरसभा के प्रशासक हैं. कांथी के कार्यक्रम के लिए जो पोस्टर और बैनर लगाये गये थे, उनमें कहीं भी इन तीनों का नाम या फोटो नहीं था.
कहीं-कहीं तृणमूल नेता ममता बनर्जी के साथ सौगत रॉय और फिरहाद हकिम की तस्वीरें लगीं थीं. शुभेंदु के भाई सांसद दिव्येंदु अधिकारी ने दावा किया कि बुधवार को जो कार्यक्रम तय किया गया, उसके बारे में न तो उनको बुलाया गया, न ही इस बारे में उन्हें कोई जानकारी दी गयी. दूसरी तरफ, तृणमूल विधायक अखिल गिरि ने दावा किया कि शिशिर अधिकारी को उन्होंने फोन पर जनसभा के बारे में जानकारी दी. शिशिर अधिकारी ने बताया कि पैर में चोट की वजह से वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायेंगे.
Posted By : Mithilesh Jha