बंगाल में होनेवाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के साथ ही राज्य के कई स्थानों पर असंतोष भी दिखने लगा. कई नेताओं को उम्मीद थी कि वे इस बार उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्हें टिकट नहीं मिले. कुछ ऐसे नेता भी हैं, जिनका इस बार पार्टी ने ही टिकट काट दिया है. ऐसे नेताओं के समर्थकों का गुस्सा भी फूट पड़ा. उत्तर 24 परगना जिला के आमडांगा, दक्षिण 24 परगना के भांगड़ समेत कई जगहों पर तृणमूल समर्थकों के विरोध प्रदर्शन हुए.
टीएमसी से टिकट नहीं पानेवाले नेताओं में भांगड़ के नेता अराबुल इस्लाम भी हैं. टिकट नहीं दिये जाने को लेकर इस्लाम ने कहा कि उन्होंने भांगड़ के लोगों के लिए हमेशा काम किया है. तृणमूल कांग्रेस द्वारा उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाये जाने को लेकर यहां के लोगों में रोष है. यही वजह है कि इलाके की कई जगहों में लोगों के विरोध प्रदर्शन देखे गये. संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को आज मेरी जरूरत खत्म हो गयी है. इतना कहते ही उनका गला भर आया. हालांकि, उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव के मैदान में खड़ा होने का संकेत दे दिया है.
इसी तरह से आमडांगा के तृणमूल विधायक रफीकुर रहमान को भी टिकट नहीं मिला है. उनकी जगह मुश्ताक मुर्तजा को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. इसे लेकर शुक्रवार देर शाम तक आमडांगा में कई जगहों पर रहमान के समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही रहमान को उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की.
गौरतलब है कि सातगछिया की तृणमूल विधायक सोनाली गुहा को भी इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. उनकी जगह पार्टी ने मोहन चंद्र नस्कर को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी के इस फैसले से नाराज गुहा ने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वह पार्टी में इस तरह से किनारे लगायी जायेंगी. संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी है कि सुश्री बनर्जी इस बार भी मुख्यमंत्री बनेंगी.
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Posted By : Avinish kumar mishra