पश्चिम बंगाल में टीएमसी को अपराध, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, तुष्टिकरण के लिए जाना जाता है : भाजपा
ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार अपराधियों को संरक्षण देकर चुनावों में हिंसा के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है. पश्चिम बंगाल में भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस के सदस्यों की हत्या की गयी है तथा राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि टीएमसी के अलग-अलग धड़े एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के राज में पश्चिम बंगाल लोकतंत्र में हिंसा का दुखद उदाहरण बन गया है. पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा को लेकर टीएमसी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने पत्रकारों से कहा, ‘पश्चिम बंगाल कला, संस्कृति और विज्ञान का केंद्र हुआ करता था. अब उसे ‘अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और खतरनाक तुष्टिकरण’ के लिए जाना जाता है.’
ममता बनर्जी पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार अपराधियों को संरक्षण देकर चुनावों के दौरान हिंसा के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है. त्रिवेदी ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस के सदस्यों की हत्या की गयी है तथा राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि टीएमसी के अलग-अलग धड़े एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं.
1990 के बिहार जैसा दौर है बंगाल में :सुधांशु त्रिवेदी
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वर्षों से हिंसा हो रही है और यह सिलसिला न केवल जारी है, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ रहा है. भाजपा के आलोचकों पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा कि इन लोगों को पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण ये हत्याएं नहीं दिखती हैं. त्रिवेदी ने कहा कि बंगाल में स्थिति 1990 के बिहार के दौर जैसी ही है.
भाजपा ने राज्य निर्वाचन आयोग पर साधा निशाना
उन्होंने टीएमसी पर चुनाव में खून-खराबा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि संवैधानिक माध्यमों के जरिये राज्य सरकार के कृत्यों का पर्दाफाश हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उसने चुनाव कराने के लिए खुद सुरक्षा बलों की मांग की थी, लेकिन वह इस पर फैसला नहीं ले सकता कि वहां किस तरह के बल तैनात होने चाहिए.
74 हजार से अधिक जनप्रतिनिधि चुन रहा बंगाल
राज्य में भाजपा समेत विपक्षी दलों ने राज्य पुलिस पर सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय बलों के व्यापक इस्तेमाल पर जोर दिया था. पश्चिम बंगाल के 22 जिलों में ग्राम पंचायत की 63,229 सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और 20 जिलों में 928 जिला परिषद सीटों के लिए करीब 5.67 करोड़ मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की संभावना है.
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