झारग्राम: तृणमूल कांग्रेस मां-माटी-मानुष की पार्टी है. यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरह नहीं है, जो देश में ‘तुगलकी राज’ चला रही है. केंद्रीय एजेंसियों के जरिये देश में ‘तुगलकी कांड’ कर रही है. देश में आज किसी को स्वतंत्रता की आजादी नहीं है, भाजपा ने लोगों के सभी अधिकार छीन लिये हैं. ये बातें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारग्राम में गुरुवार को कहीं.
स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाला पर जारी विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भाजपा नीत केंद्र सरकार निशाना साधा. ममता बनर्जी ने भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए संघीय एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया. ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि राज्य की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी नौकरियों की भर्ती में कई विसंगतियां थीं. वह उससे जुड़ी जानकारी ‘जल्द साझा’ करेंगी.
मुख्यमंत्री ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘भाजपा देश में तुगलकी शासन चला रही है और देश को बांटने की कोशिश कर रही है. वे केंद्रीय एजेंसियों को नियंत्रित कर रहे हैं और उनका इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कर रहे हैं.’ दिल्ली में 14वीं सदी में मुस्लिम शासक मुहम्मद-बिन-तुगलक का शासन था, जिसका जिक्र ममता बनर्जी यहां कर रहीं थी.
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तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा, ‘नियुक्तियों में विसंगतियों को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है. अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो कानून अपना काम करेगा. किन्तु, यह दुष्प्रचार अभियान बंद होना चाहिए. वाम मोर्चा की सरकार के दौरान एक कागज के टुकड़े पर नाम लिखकर देने से ही नौकरी मिल जाती थी. मैं इन अनियमितताओं का जल्द खुलासा करूंगी.’
TMC is the party of Maa Maati Manush…It is not a party of BJP which is running 'Tughlaqi Raj' in the country, They are running 'Tughlagi Kand' through a central agency. No one has the right to freedom, BJP has ended all rights: West Bengal CM Mamata Banerjee, in Jhargram pic.twitter.com/QSUOmtsIJl
— ANI (@ANI) May 19, 2022
पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों की नियुक्तियों में पायी गयी कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से बुधवार की शाम को तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर पार्थ चटर्जी सीबीआई के अधिकारियों के समक्ष पेश हुए थे. अदालत ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को ‘सार्वजनिक घोटाला’ करार दिया था.
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