पश्चिम बंगाल : शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल नेता कौशिक घोष के नाम बीरभूम में मिली करोड़ों की जमीन
बीरभूम जिले के सिउड़ी-बक्रेश्वर सड़क के किनारे कौशिक घोष की जमीन है. इसकी कीमत करोड़ों में है. बीरभूम जिले में और कई जगहों पर कौशिक घोष के नाम पर करोड़ों की जमीन का पता चला है. स्थानीय लोगों का आरोप है की कौशिक घोष ने नौकरी दिलाने के नाम जो काली कमाई की थी, उसी पैसे से ये जमीनें खरीदी हैं.
बीरभूम, मुकेश तिवारी. शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के नेता कौशिक घोष के नाम पर बीरभूम जिला में करोड़ों रुपये की जमीन मिली है. कौशिक मुर्शिदाबाद का तृणमूल नेता है. सीबीआई ने शुक्रवार को ही उसे गिरफ्तार किया था. उस दिन सीबीआई ने अयोग्य लोगों को पैसे लेकर नौकरी दिलाने के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. उसमें कौशिक घोष भी शामिल था.
सिउड़ी-बक्रेश्वर सड़क किनारे है कौशिक की जमीन
सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीरभूम जिले के सिउड़ी-बक्रेश्वर सड़क के किनारे कौशिक घोष की जमीन है. इसकी कीमत करोड़ों में है. बीरभूम जिले में और कई जगहों पर कौशिक घोष के नाम पर करोड़ों की जमीन का पता चला है. स्थानीय लोगों का आरोप है की कौशिक घोष ने नौकरी दिलाने के नाम जो काली कमाई की थी, उसी पैसे से ये जमीनें खरीदी हैं. सीबीआई बीरभूम जिले में मिली कौशिक घोष की जमीन की भी जांच-पड़ताल करेगी.
मुर्शिदाबाद के बरन्या का रहने वाला है कौशिक घोष
कौशिक घोष का मुर्शिदाबाद के बरन्या में घर है. उसे इलाके में तृणमूल नेता के रूप में जाना जाता है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह कौशिक बरन्या के तृणमूल विधायक जीबन कृष्णा साहा का करीबी है. सिर्फ विधायक ही नहीं, तृणमूल नेता जाकिर हुसैन से भी कौशिक की नजदीकी बतायी जाती है. फिलहाल वह शाहिद के साथ सीबीआई की हिरासत में है.
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पेट्रोलियम कंपनी की नौकरी छोड़कर दलाली करने लगा
सूत्र बताते हैं कि कौशिक दिल्ली में एक पेट्रोलियम कंपनी में नौकरी करता था. अच्छी-खासी तनख्वाह थी. लेकिन, कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की लालच में वह नौकरी छोड़कर बंगाल आ गया और लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने वाला बिचौलिया बन गया. सीबीआई का दावा है कि कौशिक घोष ने ग्रुप-सी से लेकर ग्रुप-डी तक में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी कमाई की.
तृणमूल के पोस्टर में प्रचारक के तौर पर था कौशिक का नाम
वर्ष 2021 में इलाके में तृणमूल के अधिकतर पोस्टर पर प्रचारक के तौर पर कौशिक घोष का नाम देखा गया था. कौशिक घोष की इलाके में दबंगई थी. क्षेत्र के कुछ लोग बताते हैं कि कौशिक के अधीन कई लोग काम करते थे. नौकरी दिलाने के नाम पर वह अपात्र अभ्यर्थियों से मोटी रकम ऐंठता था. उस पर अपने घर के कई लोगों को नौकरी दिलाने का भी आरोप है. आरोप है कि उसने अपने कई रिश्तेदारों को भी सरकारी नौकरी लगवायी.
नौकरी के लिए कौशिक के घर के बाहर लगती थी लाइन
क्षेत्र के लोगों का दावा है कि एक समय ऐसा भी था, जब नौकरी के लिए कौशिक के घर के सामने लोगों की लाइन लगती थी. यहां तक कि उसके अपने गांव के लोगों ने भी कहा है कि 4-5 लोगों को उसने काम पर लगवाया था. हालांकि, सीबीआई की जांच इस बात पर टिकी है कि उसने जो पैसे कमाये, उसमें किन-किन लोगों की हिस्सेदारी थी. वह किन-कन लोगों तक पैसे पहुंचाता था.
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बीरभूम में कई जगह कौशिक घोष ने खरीदी है जमीन
कौशिक घोष ने अनुब्रत मंडल के सहयोग से बीरभूम जिले के कई जगह करोड़ों की जमीन खरीदी है. सैंथिया में 0.51 एकड़ जमीन का खुलासा हुआ है. उक्त जमीन करीब 20 लाख रुपये में खरीदी गयी थी. इस जमीन को खरीदवाने में तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष और जमीन दलाल की मिलीभगत के सहयोग से ही कौशिक ने यह जमीन खरीदी थी. यह जमीन बकरेश्वर-सैंथिया स्थित सड़क मार्ग पर पड़ता है.