Budget 2022: केंद्रीय बजट को लेकर हर क्षेत्र के लोग अपने-अपने तरीके से इस बजट की व्याख्या कर रहे हैं. कोई इसे सराह रहा है, तो कोई इसे निराशाजनक बता रहे हैं. कोल्हान के चक्रधरपुर में विधायक समेत अन्य ने इस बजट को छलवा बताया.
चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि केंद्रीय आम बजट में एक बार फिर लच्छेदार बातों के अलावे और कुछ भी नहीं दिया गया है. केंद्र सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने की घोषणा कर रखी थी. लेकिन, आम बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं दिया गया. किसानों के आंदोलन से केंद्र सरकार को सबक लेना था. उनके हक में घोषणाएं होनी थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में 8 प्रतिशत लोग ही डिजिटल युग में जी रहे हैं. जिनका सरोकार इंटरनेट से है. जब मात्र 8 प्रतिशत ही इंटरनेट से जुड़े हैं, तो फिर ऑनलाइन शिक्षा का क्या महत्व रह गया है. विद्यार्थियों के हित में आम बजट में घोषणाएं होनी थी. उनकी ऑनलाइन शिक्षा पर घोषणाएं की जानी थी. गांव-गांव में मोबाइल टावर व कंपनियों का विस्तार करना था, नहीं किया गया. डिजिटिलाइजेशन के क्षेत्र में घोषणा असफल है.
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विधायक श्री उरांव ने कहा कि पूरे देश के कर्मचारियों की निगाह आयकर स्लैब पर थी. लेकिन, इस बार भी यानी 9वीं बार भी लगातार इनकम टैक्स का स्लैब नहीं बढ़ाया गया. अंतिम बार केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ही स्लैब बढ़ाया था. भाजपा सरकार ने अब तक कांग्रेस के निर्धारित स्लैक को कायम रखा है. इससे साबित होता है कि भाजपा सरकार कर्मचारी हित की सरकार नहीं है.
वहीं, झारखंड आंदोलनकारी बहादुर उरांव ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी और महंगाई को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है. देश में महंगाई सभी सीमाओं को तोड़ चुकी है. लॉकडाउन के दौर से ही महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को आम बजट में कोई राहत नहीं दी गई है. यह बजट पूरी तरह महंगाई बढ़ाने वाली है. चुनाव के समय केंद्र सरकार ने युवाओं को रोजगार देने की घोषणाएं की थी. लेकिन, देश में बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि कोरोना बीमारी भी इसके सामने फीका पड़ा हुआ है. आम बजट में युवाओं की बेरोजगारी दूर करने या फिर दूरगामी रोजगार का कोई नुस्खा नहीं है.
Posted By: Samir Ranjan.