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21 जुलाई को TMC की मेगा रैली,महानगर में उमड़ने लगी भीड़,धर्मतल्ला चलो में ममता का जनता के लिये क्या होगा संदेश

पंचायत चुनाव में जीत के बाद तृणमूल का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है . हालांकि तृणमूल शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि 21 जुलाई की रैली को किसी भी तरह से विजय रैली में तब्दील नहीं किया जा सकता.

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव खत्म होते ही ‘धर्मतल्ला चलो’ की तैयारी शुरू हो गई है. मंच बनने लगे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विशालकाय पोस्टर्स सड़कों पर दोनों किनारे लगा दिए गए हैं. कल तृणमूल शहीद दिवस का पालन कर रही है. गौरतलब है कि बंगाल की राजनीति में 21 जुलाई हर साल कई तरह कई जिज्ञासाएं लेकर आता है. ऐसा ही है 2023 का ‘शहीद दिवस’ रैली, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले की यह आखिरी 21 जुलाई रैली है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि तृणमूल का इस साल का वार्षिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का 2024 के लोकसभा चुनाव व आम जनता के लिये क्या खास संदेश हो सकता है इस पर सबकी नजर रहेगी.

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21 जुलाई तृणमूल के लिये बेहद खास दिन

21 जुलाई तृणमूल के लिये काफी खास दिन माना जाता है. ऐसे में कयास लगाये जा रहे है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आम जनता के लिये खास संदेश दे सकती है. हर बार शहीद दिवस के दिन शहीदों को याद करने के साथ ही मुख्यमंत्री कई घोषणाएं भी करती है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेंगलुरु बैठक में शामिल हुई थी. उनके साथ उनके भतीजे व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी थे. इस दो दिवसीय बैठक के बाद 21 जुलाई के मंच से ममता बंगाल में कांग्रेस-माकपा के लिए क्या कहती हैं, इस पर सबकी नजर रहेगी.

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पंचायत चुनाव में जीत के बाद तृणमूल का पहला बड़ा कार्यक्रम

पंचायत चुनाव में जीत के बाद तृणमूल का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है . सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है. हालांकि तृणमूल शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि 21 जुलाई की रैली को किसी भी तरह से विजय रैली में तब्दील नहीं किया जा सकता. तृणमूल ने जिला और ब्लाक नेताओं को भी चेतावनी दी है कि वे शहीदों की याद शांति से मनाया जाएगा. गौरतलब है कि जिलों से लोगों का आना शुरु हो गया है.

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21 जुलाई को अन्य पार्टी के नेताओं का तृणमूल में शामिल होने का है चलन

कई वर्षों से 21 जुलाई के मंच पर अन्य पार्टी के नेताओं या सितारों का तृणमूल में शामिल होने का चलन रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या इस पर धर्मतल्ला का सभा मंच इस तरह की घटना का गवाह बनेगा या नहीं ? कुल मिलाकर अगले एक साल में ममता पार्टी को किस दिशा में ले जाना चाहती हैं, इस बार 21 जुलाई को वह पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं व समर्थकों को क्या संदेश देती हैं, इसने अन्य बार की तुलना में कहीं अधिक उत्सुकता पैदा कर दी है, क्योंकि लोकसभा चुनाव सामने हैं.

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धर्मतल्ला में कम से कम ढाई लाख लोगों की भीड़ होगी एकत्रित

इस बार सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि धर्मतल्ला में कम से कम ढाई लाख लोगों की भीड़ एकत्रित होगी. मिली जानकारी के अनुसार इस बार पंचायत चुनाव में उत्तर बंगाल के क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बाद शहीद दिवस के कार्यक्रम में सबसे अधिक भीड़ उत्तर बंगाल से ही होने वाली है. वैसे तो पुरुलिया, बांकुड़ा, बीरभूम, मालदा जिले से पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है. इन्हें सॉल्टलेक के सेंट्रल पार्क में ठहरने खाने-पीने की व्यवस्था की गई है.

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5000 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात

लालबाजार सूत्र बताते हैं कि धर्मतला परिसर में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी है. इसमें 5000 पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे. कुल 31 डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी, आठ ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी, 80 असिस्टेंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी के अलावा 150 से अधिक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी तैनात रहेंगे. स्पेशल कमिश्नर को पूरी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी का दायित्व दिया गया है. यही नहीं, पूरे धर्मतला में 45 से ज्यादा जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. 20 ऊंची इमारतों की छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, वहां से भी भीड़ पर नजर रखी जायेगी. चार स्टीमर घाटों पर डीएमजी की टीम तैनात की गयी है. छह क्यूआरटी वैन एवं 18 जगहों पर एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी है. दूर से सभा में शामिल होने के लिए आनेवालों की मदद के लिए 41 जगहों पर हेल्प सेंटर खोले गये हैं.

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