मंगलकोट से मंतेश्वर पहुंचे मंत्री सिद्दिकुल्लाह चौधरी त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे!

पूर्वी बर्दवान (Purba Bardhaman) जिला के कलना अनुमंडल के तहत पड़ने वाले मंतेश्वर विधानसभा क्षेत्र में इस बार राज्य के पुस्तकालय मंत्री व तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सिद्दिकुल्लाह चौधरी को कड़ी चुनौती का सामने करना पड़ सकता है. इस सीट से भाजपा उम्मीदवार सैकत पांजा और संयुक्त मोर्चा की ओर से माकपा के उम्मीदवार अनुपम घोष मैदान में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2021 6:11 PM
an image

मंतेश्वर (मुकेश तिवारी) : पूर्वी बर्दवान (Purba Bardhaman) जिला के कलना अनुमंडल के तहत पड़ने वाले मंतेश्वर विधानसभा क्षेत्र में इस बार राज्य के पुस्तकालय मंत्री व तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सिद्दिकुल्लाह चौधरी को कड़ी चुनौती का सामने करना पड़ सकता है. इस सीट से भाजपा उम्मीदवार सैकत पांजा और संयुक्त मोर्चा की ओर से माकपा के उम्मीदवार अनुपम घोष मैदान में हैं.

इसके अलावा इस सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी लिबरेशन) के उम्मीदवार अंसार-उल-अमान मंडल और पार्टी फॉर डेमोक्रेटिक सोशलिज्म दल के नसीम-उल-गनी सैयद चुनाव मैदान में उतरे हैं. सिद्दिकुल्लाह चौधरी जिले के मंगलकोट से तृणमूल विधायक बनते रहे हैं.

जिलाध्यक्ष से अनबन के बाद सिद्दिकुल्लाह ने बदली सीट

बीरभूम जिला के तृणमूल कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष अनुव्रत मंडल के कारण इस बार वह मंगलकोट सीट छोड़कर मंतेश्वर से उम्मीदवार बने हैं. सीट परिवर्तन की मांग स्वयं सिद्दिकुल्लाह चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर की थी. उनका मानना है कि इस सीट से उनकी जीत पक्की है.

Also Read: Bengal Chunav 2021: पूर्वी बर्दवान में ममता की तस्वीर से छेड़छाड़, TMC कार्यकर्ताओं में आक्रोश

नेता चाहे जो सोचें, लेकिन स्थानीय मतदाताओं और अन्य दल के प्रत्याशियों ने उन्हें बाहरी करार देना शुरू कर दिया है. लोगों और विरोधी दलों का मानना है कि सिद्दिकुल्ला बाहरी हैं, जबकि भाजपा के सैकत पांजा और माकपा प्रत्याशी अनुपम घोष व अंसार-उल-अमान मंडल, तीनों ही भूमिपुत्र हैं.

बताया जाता है कि सैकत पांजा भाजपा में आने से पहले तृणमूल कांग्रेस के मंतेश्वर से विधायक रहे हैं. सैकत पांजा के पिता सजल पांजा भी मंतेश्वर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. लेकिन, वर्ष 2016 में सजल की अचानक मृत्यु के बाद हुए उप-चुनाव में सैकत ने इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के प्रार्थी के रूप में जीत दर्ज की थी.

Also Read: बंगाल चुनाव 2021: पांचवें चरण की 9 विधानसभा क्षेत्र को घोषित किया गया रेड अलर्ट
तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल हुए सैकत पांजा

जिला तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं से अनबन के कारण वह हाल ही में शुभेंदु अधिकारी और पूर्वी बर्दवान के तृणमूल कांग्रेस सांसद सुनील मंडल का हाथ पकड़कर भाजपा में शामिल हो गये. इस बार वह भाजपा के प्रत्याशी के रूप में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के मंत्री सिद्दिकुल्लाह चौधरी के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं.

बताया जाता है कि वर्ष 2016 में तृणमूल कांग्रेस के सजल पांजा ने 706 वोटों के अंतर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के चौधरी मोहम्मद हिदायतुल्ला को हराकर यह सीट जीती थी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एसएस अहलूवालिया ने तृणमूल कांग्रेस की मुमताज संघमित्रा को 2,439 मतों के अंतर से हराकर बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी.

Also Read: Bengal Chunav 2021: ममता पर EC के बैन से ‘भाईपो’ नाराज, बोले अभिषेक- एक महिला को सत्ता से हटाने की कोशिश
तेजी से बढ़ा है भाजपा का जनाधार

इस बार के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा का जितना जनाधार बढ़ा है, उससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि इस सीट पर पुस्तकालय मंत्री सिद्दिकुल्लाह चौधरी की भाजपा के साथ कड़ी टक्कर होने की प्रबल संभावना है. हालांकि, पर माकपा समेत अन्य छोटे दल के प्रत्याशी भी ‘वोट कटवा’ साबित हो सकते हैं, जो तृणमूल को ही नुकसान पहुंचायेगा.

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार इस सीट पर सिद्दिकुल्लाह चौधरी के लिए जीत आसान नहीं होगी, क्योंकि उनके खिलाफ जहां दो अल्पसंख्यक उम्मीदवार खड़े हैं, वहीं भाजपा और माकपा जैसे बड़े दल के प्रत्याशी भी मैदान में हैं.

Also Read: कर्ज में डूबे हैं पांचवें चरण में चुनाव लड़ रहे 318 में से 114 उम्मीदवार, निर्दलीय पर 12 करोड़ रुपये की देनदारी

Posted By : Mithilesh Jha

Exit mobile version