बीरभूम, मुकेश तिवारी. विश्व भारती के दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को निमंत्रण नहीं दिए जाने पर भड़क गए हैं. उन्होंने तारापीठ में पूजा अर्चना के बाद मीडिया को बताया की विश्व भारती के कुलपति के खिलाफ वे लोकसभा अध्यक्ष को शिकायत करेंगे. उन्होंने मेरा अपमान नहीं बल्कि लोकसभा अध्यक्ष का अपमान किया है. चूंकि लोकसभा अध्यक्ष के आदेश पर ही मुझे विश्व भारती का सदस्य मनोनित किया गया है.
दीक्षांत समारोह में मुझे निमंत्रण नहीं देना मतलब लोकसभा अध्यक्ष को निमंत्रण नहीं देना है. मेरा अपमान नही लोकसभा अध्यक्ष का अपमान किया गया. इसके साथ ही यह मामला तुल पकड़ने लगा है. तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘विद्युत चक्रवर्ती विश्व भारती के वाइस चांसलर पद के लिए अयोग्य हैं. उन्हें नहीं पता कि राज्य की मुख्यमंत्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के साथ कैसा व्यवहार किया जाए.’ सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि कुलपति के इस व्यवहार को लेकर वे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुलपति के खिलाफ शिकायत करेंगे.
गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन 16 जनवरी को शांतिनिकेतन के प्रातीची स्थित घर आए थे. वह गुरुवार को विदेश चले गए. नोबेल पुरस्कार विजेता करीब एक महीने तक बोलपुर के घर में रहे. इस दौरान उनके साथ विश्व भारती विश्वविद्यालय के भूमि विवाद मामला एक नए स्तर पर पहुंच गया था. विश्व भारती ने अमर्त्य सेन पर विश्व भारती की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था.
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे पर अमर्त्य सेन के साथ खड़ी थीं. ममता ने हाल ही में बोलपुर का दौरा किया था. उस समय वे अमर्त्य सेन के घर गई थी. वहां नोबेल पुरस्कार विजेता से कुछ देर बात की थी. मुख्यमंत्री ने अमर्त्य सेन को जमीन के कागजात सौंपे थे. ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों की आलोचना की थी. अब सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने इस मामले पर खुलकर बात की.
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को विश्व भारती के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. लेकिन विश्व भारती के सदस्य सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को निमंत्रण नहीं दिया गया. इस पर सुदीप ने कहा कि मैं पिछले तीन वर्षों से विश्व भारती का सदस्य हूं. लेकिन कुलपति ने मुझे एक बार भी आमंत्रित नहीं किया.
मुझे एक व्यक्ति द्वारा दीक्षांत समारोह से 72 घंटे पहले ई-मेल के जरिए बस सूचना दी गई. मैं इस कुलपति को नहीं छोड़ूंगा. मैं लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत करूंगा. क्योंकि मैं अध्यक्ष द्वारा मनोनीत सदस्य हूं. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अध्यक्ष को चुनौती दी है. बताया जाता है की सुदीप बंदोपाध्याय के इस बयान के बाद मामला तुल पकड़ने लगा है. हालांकि इस विषय को लेकर विश्व भारती के कुलपति की कोई टिप्पणी नहीं की गई है.