संदेशखाली में ईडी पर हुए हमले के लिये तृणमूल ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार कहा,विपक्षी दल भड़का रही है जनता को
भाजपा के आदेश पर केंद्रीय एजेंसियां और केंद्रीय बल सिर्फ तृणमूल को अपमानित करने के नाम पर विभिन्न इलाकों में जाकर तलाशी अभियान चलाती है. कुणाल ने यह भी दावा किया कि बंगाल में इस तरह की घटनाओं की एक शृंखला बन गई है.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में ईडी (ED) पर हुए हमले की घटना के लिये तृणमूल ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है. राज्य की सत्ताधारी पार्टी के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसियां बीजेपी के आदेश पर अलग-अलग इलाकों में जाकर उन्हें अपमानित करने के लिए जांच के नाम पर उकसा रही हैं. उनके मुताबिक शुक्रवार सुबह की घटना उसी का नतीजा है. इस घटना पर राजनीतिक बहस शुरू होते ही तृणमूल ने भाजपा पर बयानबाजी करनी शुरु कर दी है. पार्टी के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ”संदेशखाली की घटना बेहद चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन भाजपा के आदेश पर केंद्रीय एजेंसियां और केंद्रीय बल सिर्फ तृणमूल को अपमानित करने के नाम पर विभिन्न इलाकों में जाकर तलाशी अभियान चलाती है. कुणाल ने यह भी दावा किया कि बंगाल में इस तरह की घटनाओं की एक शृंखला बन गई है.
कुणाल घोष ने घटना के लिये भाजपा को ठहराया जिम्मेदार
कुणाल ने बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी को ‘पंजीकृत चोर’ बताया है. उनका कहना है कि भाजपा नेताओं के घरों की तलाशी नहीं ली जाती. जिस जगह पर भी बीजेपी संगठन से नहीं संभल रही है, वहां आम लोगों को भड़काया जा रहा है, हंगामा कराने की कोशिश की जा रही है. कुणाल ने दावा किया कि संदेशखाली की घटना अपवाद नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने आम लोगों से अनुरोध किया कि वे किसी के समझाने-बुझाने पर इस तरह के में कदम न उठायें.
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जांचकर्ता फिलहाल बसंती हाईवे पर एक ‘सुरक्षित स्थान’ पर
राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में जांच के आधार पर ईडी ने संदेशखाली में तृणमूल नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी की. लेकिन उस घर पर ताला लगा हुआ था. काफी देर तक फोन करने के बाद भी किसी ने जवाब नहीं दिया. करीब एक घंटे के इंतजार के बाद ईडी के जांच अधिकारियों ने उस घर का ताला तोड़ने की कोशिश की. उसी समय कई स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गये. उन्होंने खुद को तृणमूल नेता का अनुयायी बताते हुए ईडी अधिकारियों के आस-पास प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों के एक वर्ग पर केंद्रीय बलों के जवानों को धकेलने का भी आरोप लगाया गया. इसके बाद ईडी के अधिकारी मौके से चले गये. लेकिन इसके बाद भी गुस्साई भीड़ नहीं रुकी. कई लोग ईंट-पत्थर लेकर सड़कों पर उतर आये. कई सड़कें अवरोध किया गया. ईडी सूत्रों के मुताबिक जांचकर्ता फिलहाल बसंती हाईवे पर एक ‘सुरक्षित स्थान’ पर वाहन में हैं. वे केंद्रीय सेना के जवानों से घिरे हुए हैं.