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बंगाल सरकार के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं, डरे हुए हैं टीएमसी के गौ, ड्रग्स और मानव तस्कर

Suvendu Adhikari News: शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि बीएसएफ जैसे बल के खिलाफ इस्तेमाल की गयी भाषा पूरी तरह से अस्वीकार्य है. श्री अधिकारी ने सवाल उठाया कि क्या बंगाल भारत में नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2021 10:40 PM

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ मंगलवार को बीजेपी के विरोध के बीच प्रस्ताव पारित कर दिया. इस पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

उन्होंने कहा है कि राज्य विधानसभा में पास किये गये प्रस्ताव की कोई कानूनी वैधता नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना पूरे देश में लागू हो चुकी है. इसकी वजह से तृणमूल कांग्रेस के गौ तस्कर, ड्रग्स की तस्करी करने वालों के साथ-साथ मानव तस्कर भी डरे हुए हैं.

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि बीएसएफ जैसे बल के खिलाफ इस्तेमाल की गयी भाषा पूरी तरह से अस्वीकार्य है. श्री अधिकारी ने सवाल उठाया कि क्या बंगाल भारत में नहीं है. यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा का जिम्मा केंद्र सरकार के पास नहीं है. बंगाल में एक के बाद एक जेएमबी आतंकी पकड़े जा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि बंगाल में जिस प्रकार की परिस्थिति है, ऐसे में यहां 50 किमी नहीं, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र सीमा से 80 किमी अंदर तक बढ़ाया जानाचाहिए. उन्होंने कहा कि बंगाल में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं. ऐसे में सीमा सुरक्षा को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है.

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि लेकिन पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने केंद्र के इस फैसले का विरोध कर यह जता दिया है कि जैसे मानो बंगाल भारत का हिस्सा ही नहीं है. यह कोई अलग देश है. हालांकि, प्रस्ताव को 63 के मुकाबले 112 मतों से पारित किया गया.

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भाजपा नीत केंद्र सरकार ने बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है, ताकि बीएसएफ राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के दायरे तक की बजाय अब 50 किमी अंदर तक तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सके.

Posted By: Mithilesh Jha

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