वंदना ने किया भारतीय महिला हॉकी की हिस्ट्री में कभी ना होने वाला कारनामा, कभी मां से छिपकर खेलती थीं हॉकी
Tokyo Olympics 2020, Vandana Katariya : वंदना कटारिया ने मैच में तीन गोल किया है. बता दें वंदना ने एशियाई चैंपियन ट्रॉफी, 2018 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार जीता था, जिसमें भारत ने रजत पदक जीता था.
Tokyo Olympics 2020, Vandana Katariya : भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ओलंपिक में हैट्रिक बनाने वाली देश की पहली महिला बनीं. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका मैच के दौरान वंदना के शानदार प्रदर्शन से भारत की क्वार्टर फाइनल की उम्मीदें जिंदा हैं. भारत ने शनिवार को महिला हॉकी पूल ए मैच में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराया. भारत के लिए जरूरी जीत के खेल में, दक्षिण अफ्रीका ने रानी रामपाल एंड कंपनी को कड़ी टक्कर दी. लेकिन, भारतीय फारवर्ड वंदना कटारिया की मुस्तैदी और पारंगत कौशल ने मैच को अफ्रीकियों से दूर कर दिया. उन्होंने हैट्रिक गोल के साथ भारतीय रिकॉर्ड बुक में भी अपना नाम दर्ज कराया.
🇮🇳 𝗪𝗢𝗡-dana!
2️⃣/2️⃣ successful penalty corner attempts by #IND's Vandana Katariya in their clash against #RSA today! She became the first Indian woman to score a hat-trick at the Olympics.#Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | #Hockey pic.twitter.com/VxSUwJOA7s
— Olympic Khel (@OlympicKhel) July 31, 2021
टोक्यो ओलंपिक में खराब शुरुआत के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की दो अहम जीत से उनके प्रशंसकों ने राहत की सांस ली है. हालांकि भारत की क्वार्टर फाइनल की उम्मीदें अब आयरलैंड बनाम ग्रेट ब्रिटेन मैच पर निर्भर हैं. भारत टूर्नामेंट में तभी आगे बढ़ सकता है जब आयरलैंड या तो हार जाए या ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ ड्रॉ खेले. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच शनिवार को हुई भिड़ंत में भारतीय टीम ने खेल के शुरूआती दौर में अफ्रीकियों के खिलाफ बढ़त बना ली. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका के बीच जारी मैच में सबकी नजरें वंदना कटारिया थी.
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पिता ने मां से छिपाकर कराया था स्पोर्ट्स हॉस्टल में दाखिला
वंदना कटारिया ने मैच में तीन गोल किया है. बता दें वंदना ने एशियाई चैंपियन ट्रॉफी, 2018 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार जीता था, जिसमें भारत ने रजत पदक जीता था. वह 2016 के रियो ओलंपिक का भी हिस्सा थीं. मेरठ से तल्लुख रखने वाली वंदना कटारिया ने बताया था कि वे कभी भी हॉकी नहीं खेल पातीं अगर पिता ने उनका साथ नहीं दिया होता. अपने पुराने दिनों को याद करते हुए वंदना ने बताया कि लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में उनके पिता ने मां से छिपाकर दाखिला कराया था और कहा था कि वे केवल खेल पर ही फोकस करें.