Tokyo Olympics 2020 : तोक्यो 2020 ओलिंपिक खेलों के उदघाटन समारोह के शुरू होने से पहले आयोजन समिति ने तोक्यो में एक पार्क में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया. इस ‘रिडिस्कवर तोहोकु – मोक्कोज जर्नी फ्रॉम तोहोकु टू तोक्यो’ कार्यक्रम में एक विशाल ‘एनिमेटिड’ कठपुतली मोक्को सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यह कार्यक्रम तोक्यो 2020 निप्पो महोत्सव का हिस्सा था. यह महोत्सव तोक्यो 2020 ओलिंपिक खेलों का आधिकारिक सांस्कृतिक कार्यक्रम है.
Tokyo Olympics update!
Meet MOCCO, a nightmare-fueled 12-meter puppet that can walk and move its body parts, thanks to more than a dozen puppeteers.
MOCCO is supposed to represent the "charm and friendship" of Tohoku and symbolize its recovery from the 3.11 disaster.#モッコ pic.twitter.com/GuUKiEhGUI
— Nick Kapur (@nick_kapur) March 31, 2021
मोक्को को पहली बार 15 मई को इवाटे प्रांत में दिखाया गया था, जिसके बाद उसने तोहोकू क्षेत्र से तीन प्रांतों का दौरा किया और अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में तोक्यो पहुंची. तोहोकु क्षेत्र में 2011 में भूकंप और सूनामी ने भारी तबाही मचायी थी और ‘मोक्को’ कठपुतली इस प्रभावित प्रांत के बच्चों के दिमाग की उपज है. इस कठपुतली को ‘मोक्को’ नाम पटकथा लेखक कानकुरो कुडो ने दिया है.
From Tohoku to Tokyo 🇯🇵
Watch our live #Tokyo2020 Nippon Festival event on Mocco's journey live from the famous Shinjuku Gyoen 🌳
Watch now ▶️ https://t.co/FdrpnYQvZr
— #Tokyo2020 (@Tokyo2020) July 17, 2021
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तोक्यो में होनेवाले पैरा ओलिंपिक में भारत की तरफ से देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गये विश्व के तीसरे नंबर के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी (एसएल चार वर्ग) एवं गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल यथिराज ने शनिवार को यहां कहा कि वह देश के लिए पदक जीतने का हर संभव प्रयास करेंगे. सुहास ने कहा कि उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी प्रशासनिक सेवा है. कोविड काल में वह जनपद वासियों की सेवा में हरसंभव तत्पर रहेंगे और इन खेलों के लिए रात के वक्त वह अपना अभ्यास जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा कि पैरा ओलिंपिक में मेडल लेना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन मैं विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान का खिलाड़ी हैं, जिसकी वजह से पदक जीतने को लेकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है. मैंने कड़ा अभ्यास भी किया है. उन्होंने इस दौरान कहा कि मैं देश के सभी माता पिता से अपील करता हूं कि वे अपने दिव्यांग बच्चों का समुचित ध्यान रखें, ताकि वह आगे बढ़ सकें.