Tokyo Olympic 2021 : ओलिंपिक में भारत के लिए पहला पदक (व्यक्तिगत) नार्मन प्रिचर्ड ने 1900 में जीता था या 1952 में जाधव ने, यह बहस आज भी हाेती है. 1900 में पेरिस में हुए ओलिंपिक में नार्मन प्रिचर्ड ने दो रजत पदक जीता था. 200 मीटर और 200 मीटर (बाधा) दौड़ में. उन्हें ही सौ साल से ज्यादा समय तक भारत की ओर से पहला पदक जीतने का श्रेय दिया जाता रहा, लेकिन ब्रिटेन के इतिहासकारों ने यह दावा किया कि नार्मन को ब्रिटेन की टीम के लिए चुना गया था. इसलिए नार्मन द्वारा जीता गया पदक ब्रिटेन के खाते में जोड़ दिया गया. नार्मन पिचर्ड का जन्म 23 जून, 1875 को कोलकाता में हुआ था और उन्होंने संत जेवियर स्कूल, कोलकाता से पढ़ाई की थी. इस एथलीट में बहुत प्रतिभा थी. न सिर्फ एथलेटिक्स में, बल्कि फुटबॉल में भी अच्छी पकड़ थी.
यह माना जाता है कि भारत में फुटबाल में पहली हैटट्रिक नार्मन ने ही 1899 में लगायी थी. उन्होंने 1900 से 1905 तक इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन के मानद सचिव का पद भी संभाला था. 1900 में जब पेरिस में ओलिंपिक हो रहा था, तब भारत की ओर से सिर्फ एक खिलाड़ी नार्मन ने ही भाग लिया था. दो पदक जीतकर भारत 18 वें स्थान पर रहा था. इस ओलिंपिक में नार्मन ने 60 मीटर, 100 मीटर, 110 मीटर (बाधा), 200 मीटर, और 200 मीटर (बाधा) दौड़ में भाग लिया था. दो में रजत पदक मिला. ओलिंपिक काफी लंबा चला था.
14 मई, 1900 से आरंभ होकर पेरिस ओलिंपिक 28 अक्तूबर तक चला था. नार्मन के पदक जीतने के 52 साल तक भारत की ओर से व्यक्तिगत स्पर्धा में कोई भी पदक जीत नहीं सका था. 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक में खाशाबा जाधव ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता था. हालांकि इस बीच भारत ने 1928 के ओलिंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन वह व्यक्तिगत पदक नहीं था. हॉकी में तो भारत का 1956 तक एकाधिकार रहा और लगातार स्वर्ण जीतता रहा. तकनीकी तौर पर नार्मन को भारत का मानने या नहीं मानने पर विवाद चलता रहा था. तब देश आजाद नहीं था और भारत कोई आधिकारिक टीम नहीं भेज रहा था. पहली बार 1928 में भारत की ओर से आधिकारिक टीम ने भाग लिया था और पहली ही बार में भारत ने हॉकी का स्वर्ण जीत कर इतिहास रचा था
पेरिस ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद 1905 में नार्मन भारत से जाकर ब्रिटेन में बस गये थे. वहां उन्होंने व्यवसाय आरंभ किया था. बाद में वे अमेरिका चले गये और अभिनय के क्षेत्र में काम किया. नाम बदल कर नार्मन ट्रेवर कर दिया. ओलिंपिक के रेफरेंस बुक 1996 तक भारत की और से पहला पदक जीतनेवाले में नार्मन का नाम ही आता रहा. ब्रिटेन का जो भी दावा हो, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कोलकाता में जन्मे नार्मन ने 1900 में दो रजत पदक जीते थे. – अनुज कुमार सिन्हा