Tokyo Olympics: गोल्ड जीतने से पहले किस बारे में सोच रहे थे नीरज चोपड़ा, खिलाड़ी ने खुद किया खुलासा
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतने के बाद नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) देश के हीरो बन गए हैं. वहीं फाइनल के वक्त नीरज के मन में क्या चल रहा था इसका खुलासा नीरज ने किया है.
Tokyo Olympics 2020: यह सुनने में भले ही परी कथा की तरह लगे की वजन कम करने के उद्देश्य से खेलों से जुड़ने वाला बच्चा आगे चल कर एथलेटिक्स में देश का पहला स्वर्ण पदक विजेता बन जाये, लेकिन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इसे सच कर दिखाया. हरियाणा के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज (Gold Medalist Neeraj Chopra) ने तोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक के फाइनल में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया. नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में 125 साल में भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक दिलाया है.
I wanted to give my best at #Olympics but wasn't relaxed till I was sure about Gold medal. Other participants were very good &could have done better with any throw. As soon as I saw their last attempt, I knew I'm getting gold & I celebrated: #Gold medallist Neeraj Chopra to ANI pic.twitter.com/itXd7umSyG
— ANI (@ANI) August 8, 2021
न्यूज एजेन्सी ANI से बात करते हुए जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने बताया कि मेरे दिमाग में था कि ओलंपिक में अपना बेस्ट करने की कोशिश करनी है लेकिन जब तक आखिरी थ्रो तक गोल्ड फाइनल नहीं हो गया तब तक मैंने दिमाग को रिलैक्स नहीं किया. बाकी थ्रोअर काफी अच्छे थे. उन्होंने आगे बताया कि मेरे सबसे छोटे अंकल मुझे स्टेडियम में लेकर गए थे, वो चाहते थे कि मैं खिलाड़ी बनूं. जब मैंने पहले दिन जैवलिन खेलना शुरू किया तो मुझे जैवलिन से अजीब सा लगाव हो गया था, मैंने उसी दिन से जैवलिन को अपना प्रोफेशन चुन लिया था.
नीरज चोपड़ा ने आगे कहा कि मिल्खा सिंह ने भारतीय खेल और एथलेटिक्स के लिए बहुत बड़ा योगदान किया, उनका सपना था कि भारत से कोई गोल्ड जीते और राष्ट्रगान बजे. उनका वो सपना पूरा हुआ लेकिन आज वो हमारे बीच नहीं हैं, मुझे लगता है कि वो आज जहां भी हैं वहां से देखकर गर्व महसूस कर रहे होंगे. बता दें कि स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को दिग्गज धावक स्वर्गीय मिल्खा सिंह को समर्पित किया. नीरज द्वारा यह सम्मान प्रकट करने पर मिल्खा सिंह के पुत्र और स्टार गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने ट्विटर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि पिताजी वर्षों से इस पल का इंतजार कर रहे थे, जब भारत को एथलेटिक्स में ओलिंपिक पदक मिले. आज, ऊपर पिताजी की आंखों में भी खुशी के आंसू होंगे.