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Tokyo Olympics में चुनौती देने को तैयार है भारतीय सेलिंग टीम, नौकायन स्पर्धा में देश को दिला सकते हैं मेडल

Tokyo Olympics 2020, Indian Sailing Team : अब तक के ओलिंपिक गेम्स में नौकायन भारत का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है. हालांकि इस बार चारों खिलाड़ी किस्मत बदलने के लिए पूरी जान लगा देना चाहते हैं.

Tokyo Olympics 2020 : भारतीय नौकायन टीम ओलिंपिक में चुनौती देने के लिए तोक्यो पहुंच गयी हैं. हालांकि टीम के सदस्यों को एयरपोर्ट पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कोरोना सहित अन्य जांच प्रकिया सदस्यों को एयरपोर्ट पर आठ घंटे से भी ज्यादा का समय बिताना पड़ा. हालांकि इतनी परेशानी के बाद भी नौकायन टीम मेडल के लिए लड़ने को तैयार है. नेथरा कुमानन लेजर रेडियल स्पर्धा, लेजर स्टैंडर्ड क्लास और वरुण ठक्कर एवं गणपति चेंगप्पा की जोड़ी 49इआर क्लास में चुनौती पेश करेंगे. ओलिंपिक में नौकायन प्रतियोगिता 25 जुलाई से शुरू होगी, पहली बार है जब चार नौकायन खिलाड़ी तीन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

मेडल के लिए विदेश में तैयारी
सरकार से मिली आर्थिक मदद

अब तक के ओलिंपिक गेम्स में नौकायन भारत का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है. हालांकि इस बार चारों खिलाड़ी किस्मत बदलने के लिए पूरी जान लगा देना चाहते हैं. सभी ने विदेश में तैयारी की है. इन्हें सरकार की टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) द्वारा वित्त पोषित किया गया था. नेथरा ने जहां स्पेन में अभ्यास किया, तो वहीं ठक्कर एवं गणपति की जोड़ी पुर्तगाल में खेलों की तैयारी कर रही थी. सरवनन ओलिंपिक की तैयारी के लिए माल्टा में थे.

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टिकट हासिल करनेवाली नेथरा पहली भारतीय महिला नाविक

नेथरा कुमानन लेजर रेडियल क्लास में क्वालीफाइ कर इन खेलों का टिकट हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला नौकायन खिलाड़ी हैं, उन्होंने मुस्सानाह ओपन चैंपियनशिप के दौरान यह उपलब्धि हासिल की थी. सरवनन और गणपति एवं ठक्कर की जोड़ी ने ओमान में एशियाई क्वालीफायर के दौरान ओलिंपिक टिकट हासिल किये.

इन खिलाड़ियों से है उम्मीदें
1. नेथरा कुमानन

21 अगस्त, 1997 को जन्मी नेथरा ने 2011 में तमिलनाडु सेलिंग एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक ग्रीष्मकालीन शिविर में हिस्सा लिया था और तब तक नाविक खिलाड़ी बनने का फैसला किया. चेन्नई के एसआरएम कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढाई कर रही हैं. दो बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती है और दो अन्य अवसरों पर उपविजेता रही हैं. किसी अंतरराष्ट्रीय इवेंट में उनका पहला पोडियम फिनिश 2014 में चेन्नई में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल रेगाटा में रहा था. 2014 और 2018 एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. 2018 में चौथे स्थान पर रही थीं.

2. विष्णु सरवनन

आर्मी मैन विष्णु सरवनन के लिए नौकायन उनके खून में है. उनके पिता सूबेदार मेजर रामचंद्रन सरवनन एक सफल नाविक रहे हैं. पिता के मार्कदर्शन में विष्णु ने ट्रेनिंग शुरू किया और लेजर स्टैंडर्ड श्रेणी कई राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत कर अपनी प्रतिभा को सबसे सामने रखा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार बड़ी सफलता हांगकांग सेलिंग वीक -2016 में मिली. विष्णु रजत पदक जीतने में सफल रहे.

3. चेंगप्पा और ठक्कर

चेंगप्पा और ठक्कर की जोड़ी 49इआर क्लास में भारत की शीर्ष नाविक जोड़ी हैं. तोक्यो ओलिंपिक खेलों में जगह बनाने से पहले इन दोनों ने इंडोनेशिया में 2018 एशियाई खेलों मे कांस्य पदक जीता था. इसके अलवा राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्कर पर कई मेडल जीत चुके हैं.

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