Tokyo Olympics: मैच खत्म होते ही खेतों में काम करने जुट गया भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ी सलीमा टेटे का परिवार
Tokyo Olympics 2020, Indian Women Hockey Team, Salima Tete: भारतीय टीम की इस जीत पर सिमडेगा में जश्न का माहौल है. चार दशक बाद अंतिम चार में भारतीय टीम ने जगह बनायी है. सलीमा टेटे के गृह जिला सिमडेगा में इस जीत पर उत्साह का माहौल है.
Tokyo Olympics 2020: तोक्यो ओलिंपिक में सोमवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा. भारतीय महिला हॉकी टीम ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश किया. टीम की जीत के बाद झारखंड में भी खेलप्रेमियों ने जश्न मनाया. खासकर टीम में शामिल निक्की प्रधान और सलीमा टेटे के गृहनगर खूंटी और सिमडेगा में विजयी जुलूस निकाला गया व मिठाई बांटी गयी. ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने तीन बार की स्वर्ण पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
भारतीय टीम की इस जीत पर सिमडेगा में जश्न का माहौल है. चार दशक बाद अंतिम चार में भारतीय टीम ने जगह बनायी है. सलीमा टेटे के गृह जिला सिमडेगा में इस जीत पर उत्साह का माहौल है. सलीमा को गांव के मैदान से तोक्यो तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभानेवाले हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारी व खेल सेंटर के प्रशिक्षक टीम की जीत पर काफी खुश हैं. सोमवार को भारतीय टीम की जीत पर यहां ढोल नगाड़ों के साथ विजयी जुलूस निकाला गया और मिठाइयां भी बांटी गयी. जिला के कई उदीयमान खिलाड़ी हाथों में हॉकी स्टिक व तिरंगा लहराते हुए जश्न में डूब गये. रविवार से गांव में बिजली संकट था. ऐसे में सोमवार की सुबह क्वार्टर फाईनल मैच मिस ना हो जाये, इसके लिये भाड़े पर एक जनरेटर का जुगाड़ किया गया.
सिमडेगा पिथरा पंचायत की बेटी सलीमा टेटे के गांव में बड़कीछापर में सोमवार को पूरी तरह से खुशी का माहौल दिखा. बड़कीछापरार जैसे छोटे से गांव की रहनेवाली सलीमा टेटे एक दिन ओलिंपिक खेलने जायेगी, ऐसा परिवार के किसी सदस्य ने नहीं सोचा था. किंतु आज सलीमा टेटे अपनी मेहनत और माता-पिता के आशीर्वाद से ओलिंपिक में अपना जलवा बिखेर रही है. गांव के लोग ढोल नगाड़ों की थाप पर नाच-गा कर खुशियां मनायी. सेमीफाइनल में महिला हॉकी टीम के प्रवेश करने के बाद सलीम टेटे के गांव में पूरी तरह से जश्न का माहौल है.
वहीं दूसरी ओर सलीमा टेटे का पूरा परिवार धान रोपनी में व्यस्त है. सुबह में ढोल-नगाड़े पर झूमने के बाद सलीमा टेटे का पूरा परिवार खेत में धान रोपनी कार्य में जुट गया. सलीमा टेटे की मां सुबानी टेटे बताती है कि बेटी की उपलब्धि पर उन्हें गर्व है. बेटी ने बड़कीछापर गांव का नाम झारखंड ही नहीं देश और विदेश में भी रोशन किया है. सलीमा टेटे की छोटी बहन ममता टेटे भी अपनी दीदी की उपलब्धि पर पूरी तरह से खुश है और अपनी बड़ी बहन को बधाई देते हुए फाइनल जीतने की कामना करती है.