टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की शुरुआत 23 जुलाई से है. जिसमें छह बार की विश्व चैम्पियन और लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम (Mary Kom) और पुरूष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh ) उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक होंगे.
जबकि समापन समारोह में पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia ) भारतीय ध्वजवाहक होंगे. समापन समारोह 8 अगस्त को होनो है. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इन खेलों की आयोजन समिति को अपने फैसले से अवगत करा दिया है.\
पहली बार ऐसा हुआ है जबकि ओलंपिक में भारत के दो ध्वजवाहक (एक पुरुष और एक महिला) होंगे. आईओए प्रमुख नरिंदर बत्रा ने हाल में आगामी टोक्यो खेलों में ‘लैंगिक समानता’ को सुनिश्चित करने के लिए इस बात की जानकारी दी थी.
Boxer MC Mary Kom & hockey player Manpreet Singh to be flag bearers of Indian contingent at Tokyo Olympics opening ceremony; wrestler Bajrang Punia to be flag bearer of the contingent at the closing ceremony
(file photos) pic.twitter.com/dciT4EBS0U
— ANI (@ANI) July 5, 2021
भारतीय ध्वजवाहक चुने जाने के बाद मैरी कॉम ने कहा, यह मेरे लिए बहुत बड़ा पल होगा क्योंकि यह मेरा आखिरी ओलंपिक है. मेरे लिये यह भावनात्मक पल हो सकता है. उन्होने कहा, उद्घाटन समारोह के दौरान दल की अगुवाई करने का अवसर पाकर मैं वास्तव में सम्मानित महसूस कर रही हूं और मेरा चयन करने के लिए मैं खेल मंत्रालय और आईओए को धन्यवाद देती हूं. यह मेरे लिए प्रेरणा होगी. मैं पदक के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करने का वादा करती हूं.
रियो डी जनेरियो में 2016 खेलों के उद्घाटन समारोह में देश के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ध्वजवाहक थे. इधर मनप्रीत ने कहा, यह शानदार है और मेरे पास इसकी खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं. मुझे लगता है कि दिग्गज मैरी कॉम के साथ उद्घाटन समारोह के लिए ध्वजवाहक नामित किया जाना बड़ा सम्मान है.
हॉकी टीम के कप्तान कहा, मैं इस शानदार अवसर के लिए भारतीय ओलंपिक संघ को धन्यवाद देता हूं, और मैं तोक्यो में उद्घाटन समारोह में अपनी जिम्मेदारी निभाने का इंतजार कर रहा हूं.
कोरोना महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक में 100 से अधिक भारतीय खिलाड़ी भाग लेंगे. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने पिछले साल कार्यकारी बोर्ड की बैठक में उद्घाटन समारोह में महिला और पुरुष ध्वजवाहकों के लिए प्रावधान किया था.