Loading election data...

Tokyo Olympics 2020 : पूजा रानी पदक से एक कदम दूर, अल्जीरियाई बॉक्सर को हराकर पहुंची क्वार्टर फाइनल में

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo olympics) के छठे दिन महिला खिलाड़ियों का जलवा कायम रहा. बॉक्सिंग में पूजा रानी (pooja rani boxing) और तीरंदाजी में Deepika Kumari ने पदक की आस जगा दी है. दोनों अपने-अपने स्पर्धाओं में क्वार्टर फाइनल में जगह बना लिया है. जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू अंतिम 16 में पहुंच गयीं हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2021 5:15 PM

टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo olympics) के छठे दिन महिला खिलाड़ियों का जलवा कायम रहा. बॉक्सिंग में पूजा रानी (pooja rani boxing) और तीरंदाजी में दीपिका कुमारी (Deepika Kumari in Archery) ने पदक की आस जगा दी है. दोनों अपने-अपने स्पर्धाओं में क्वार्टर फाइनल में जगह बना लिया है. जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू अंतिम 16 में पहुंच गयीं हैं.

पूजा रानी पदक से एक जीत दूर

भारतीय मुक्केबाज पूजा रानी ने 75 किग्रा वर्ग में बुधवार को अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से पराजित कर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया.

तीस साल की भारतीय ने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाये रखा. दो बार की एशियाई चैम्पियन दाहिने हाथ के सीधे दमदार मुक्कों से नियंत्रण बनाये हुए थीं और उन्हें चाएब के रिंग में संतुलन की कमी का भी काफी फायदा मिला. तीनों सेट में पांचों जजों से 10-10 अंक मिले.

Also Read: Tokyo Olympics 2020 : झारखंड की दीपिका कुमारी मेडल से एक जीत दूर, अमेरिकी आर्चर को 6-4 से हराया

तीनों राउंड में रानी का दबदबा रहा जबकि चाएब भी अपना पहला ओलंपिक खेल रही थीं, लेकिन वह मुक्के सही जगह नहीं जड़ पा रही थीं. रानी ने विपक्षी से दूरी बनाकर चतुराई भरा प्रदर्शन किया.

रानी ने पूरी बाउट के दौरान जवाबी हमले किये जबकि चाएब भी दमदार मुक्के लगाने का प्रयास कर रही थीं लेकिन वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे. रानी का ओलंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है. वह कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था. वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं.

पूजा रानी के पिता थे बॉक्सिंग के खिलाफ

पूजा रानी काफी संघर्षों के बाद ओलंपिक पहुंची हैं. उनके पिता पुलिस अधिकारी हैं जो उन्हें इस खेल में नहीं आने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी आक्रामक लोगों के लिये ही है. एक साक्षात्कार में पूजा ने बताया था कि उनके पिता ने कहा था, मार लग जायेगी. उन्होंने कहा था कि यह खेल मेरे लिये नहीं है क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी केवल आक्रामक (गुस्सैल) लोग ही करते हैं.

पूजा रानी का अगला मुकाबला 31 जुलाई को

पूजा रानी का ओलंपिक में अगला मुकाबला 31 जुलाई को होगा. हालांकि अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि उनकी प्रतिद्वंद्वी कौन होंगी.

Next Article

Exit mobile version