Paralympic में भारत का रहा है स्वर्णिम इतिहास, इन सात एथलीट्स पर रहेंगी पूरे देश की नजर

भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 के रियो पैरालिंपिक में था, जहां उसने दो गोल्ड समेत चार मेडल जीते थे. भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया (Devendra Jhajharia) और ऊंची कूद के स्टार मरियप्पन थंगावेलू (Mariyappan Thangavelu) इस बार काफी उम्मीदें हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2021 11:19 AM

Tokyo Paralympic 2020: आज से शुरू हो रहे पैरालिंपिक गेम्स पांच सितंबर तक तोक्यो में चलेंगे. इस बार भारत इन खेलों में अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ने उतरेगा. भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 के रियो पैरालिंपिक में था, जहां उसने दो गोल्ड समेत चार मेडल जीते थे. भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है. अब तक उसने कुल 12 मेडल जीते हैं. भारत की तरफ से पहला मेडल 1972 के पैरालिंपिक गेम्स में मुरलीकांत पेटकर ने जीता था. उन्होंने स्विमिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया था.

1. देवेंद्र झाझरिया

देवेंद्र झाझरिया पैरालिंपिक गेम्स में दो बार गोल्ड जीत चुके हैं और इस बार भी उनसे पदक की उम्मीद है. उन्होंने एफ46 में पिछले 2016 रियो पैरालिंपिक में 63.97 मीटर दूर भाला फेंकते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. वहीं 2004 एथेंस पैरालिंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. झाझरिया ने तोक्यो पैरालिंपिक के क्वालिफाई इवेंट में एक बार फिर से 65.71 मीटर दूर भाला फेंकते हुए अपने ही वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया.

2. प्रमोद भगत

ओडिशा के रहनेवाले प्रमोद भगत ने इस साल दुबई में पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट दो गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता. वह तोक्यो में सिंगल्स और मिक्स्ड इवेंट में भाग ले रहे हैं. 2019 में पारा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. 2018 एशियन गेम्स में भी प्रमोद ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं. इसके अलावा 2017 में वर्ल्ड पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप और 2014 एशियन पैरा गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं.

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3. सुहास एल यतिराज

पैरालिंपिक खेलों में पहली बार बैडमिंटन को शामिल किया गया है, जिसमें भारत के सात शटलर भाग ले रहे हैं. इसमें कर्नाटक के सुहास भी शामिल हैं. वह वर्तमान में नोएडा के डीएम हैं. वे 2016 एशियन पैरा चैंपियनशिप, 2017 और 2019 तुर्की पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. उन्होंने साल 2019 के कई टूर्नामेंटों में (गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज) कुल 10 मेडल हासिल किये थे. वहीं 2018 एशियन पैरा गेम्स में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है.

4. मरियप्पन थंगावेलु

तमिलनाडु के रहनेवाले मरियप्पन भारतीय पैरालिंपिक दल के ध्वजवाहक हैं. उन्होंने पिछले रियो पैरालिंपिक खेलों में पुरुषों की टी-42 में हाई जंप में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं 2019 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी मरियप्पन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उन्हें 2017 में पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जबकि 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

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5. सुमित अंतिल

भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एफ44 वर्ग में 66.90 मीटर की दूरी के साथ अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. 22 वर्षीय अंतिल ने इससे पहले इंडियन ग्रांप्री में 66.43 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने 2019 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान तोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई किया था. उन्होंने इसमें रजत पदक जीता था, जिसमें एक अन्य भारतीय संदीप चौधरी ने स्वर्ण पदक के साथ ओलिंपिक कोटा हासिल किया था.

6. अवनी लखेरा

राजस्थान में जयपुर की रहनेवाली अवनी लखेरा गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर हैं. 2012 में 12 साल की उम्र में एक्सीडेंट के बाद वे लकवाग्रस्त हो गयी, जिसकी वजह से सीधे व्हीलचेयर पर आ गयीं. वे इस साल वर्ल्डकप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. वहीं 2019 में क्रोएशिया में भी सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. 2017 में वह जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं.

7. सोमन राणा

भारतीय सेना में हवलदार सोमन राणा शॉटपुट में देश का प्रतिनिधितव कर रहे हैं. साल 2006 में एक माइन विस्फोट में उनका दाहिना पैर उड़ गया था. वह एप-57 वर्ग में क्वालिफाई हुए हैं. उन्होंने इस साल 14वें ट्यूनिस वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. वहीं 2019 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड पिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं. राणा से तोक्यो में मेडल की उम्मीद है.

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