Tokyo Paralympics: भारत की ‘गोल्डन गर्ल’ अवनि लेखरा ने एक और मेडल पर लगाया निशाना, कांस्य पदक जीत रचा इतिहास
Tokyo Paralympics 2020, Avani Lekhara : टोक्यो पैरालिंपिक में अवनि लेखरा ने दूसरा मेडल अपने नाम किया है. इसी के साथ पैरालिंपिक में भारत की पदको की संख्या 12 पहुंच गयी है.
Tokyo Paralympics 2020 : टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय एथलीटों का धमाकेदार प्रदर्शन लगातार जारी है. शुक्रवार को भारत ने एक नहीं बल्कि दो मेडल अपने नाम किए हैं. भारत की गोल्डन गर्ल अवनि लेखरा (Avani Lekhara) ने पैरालिंपिक में अपना दूसरा पदक जीत लिया है. अवनी ने महिलाओं की आर-8 50 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में भारत के लिए कांस्य पदक जीता. बता दें कि इससे पहले भारत की हाई जंपर प्रवीण कुमार ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इसी के साथ पैरालिंपिक में भारत की पदकों की संख्या 12 हो गयी है.
The moment💜 Outstanding from Avani Lekhara. Only 19 yrs and the youngest competitor in the final, she can only get better. Two medals: a #Gold and a #Bronze already. #Tokyo2020 #Paralympics pic.twitter.com/Oi0YZoFisY
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) September 3, 2021
पैरालिंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला
19 साल की अवनि ने 4 दिन पहले 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. और अब उन्होंने अपने राइफल से देश के लिए कांसा पक्का किया. ये टोक्यो पैरालिंपिक्स में भारत की झोली में गिरा चौथा ब्रॉन्ज मेडल है. बता दें कि अवनि महिलाओं के आर-210 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा. जयपुर की रहनेवाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतनेवाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं. उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी. उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की. यह पैरालिंपिक खेलों का नया रिकॉर्ड है.
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बता दें कि अवनि लेखरा को 2012 में हुई एक कार दुर्घटना के बाद व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि उनके पैर हिल-डुल नहीं पाते थे, लेकिन यह हादसा उनके और उनके परिवार के इरादों को जरा भी नहीं डिगा सका और उन्होंने सभी तरह की परिस्थितियों का डट कर सामना किया. इस दुर्घटना में अवनि की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी. उनके पिता के जोर देने पर उन्होंने निशानेबाजी करना शुरू किया. पूर्व ओलिंपिक निशानेबाज सुमा शिरूर की देखरेख में वह ट्रेनिंग करने लगी.