झारखंड : कोल्हान में टमाटर 160 तो हरी मिर्च 200 के पार, सातवें आसमान पर चढ़ा सब्जियों का भाव
महंगाई की मार ने सबका जीना मुहाल कर दिया है. इनदिनों सब्जियों के दाम सातवें आसमान पर है. टमाटर 160 तो हरी मिर्च 200 के पर बिक रही है. 10 दिनों में सब्जियों के दाम में तीन से चार गुना का इजाफा होने से किचन का बजट गड़बड़ा गया है.
Jharkhand News: सब्जियों की बढ़ती कीमत ने कीचन का बजट बिगाड़ दिया है. 10 दिनों में सब्जियों के दाम में तीन से चार गुना इजाफा हुआ है. लोग एक किलो की जगह पाव भर सब्जी खरीदने लगे हैं. शिमला मिर्च, टमाटर, बैंगन, धनिया पत्ता, गोभी लोगों की पहुंच से दूर हो गया है. सब्जी विक्रेता रामाशीष साव व अनूप साव ने कहा कि सब्जी की कीमत में अचानक उछाल आ गयी है. इसका मुख्य कारण बारिश व शादी-विवाह का मौसम है. बारिश के कारण सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र से काफी कम मात्रा में सब्जी आ रही है. सब्जी की मांग अधिक बढ़ जाने से दाम में इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि टमाटर जो 10 दिन पहले 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. वह 140 रुपये किलो हो गया है. सब्जी के दाम बढ़ने से गृहणियों के समक्ष परेशानी आ गयी है. हरी मिर्च और धनिया पत्ता के दाम में काफी उछाल आया है.
सब्जी के दाम प्रति किलो
सब्जी : दाम (प्रति किलो)
टमाटर : 100 से 140 रुपये
बैंगन : 50 से 60 रुपये
परवल : 40 से 60 रुपये
शिमला मिर्च : 100 से 160 रुपये
करैला : 70 से 80 रुपये
गोभी : 60 से 80 रुपये
धनिया पत्ता : 100 से 160 रुपये
बंदगोभी : 30 से 40 रुपये
कद्दू : 30 से 40 रुपये
हरी मिर्च : 100 से 200 रुपये
गाजर 50 रुपये
बोदी : 70 से 80
बैंगन : 50 से 60 रुपये
बीम : 100 से 200 रुपये
बरबट्टी : 80 रुपये.
पांच सौ रुपये में थैला भर नहीं रहा
सब्जियों की बढ़ती कीमत पर ममता ठाकुर ने कहा कि सब्जी की बढ़ती कीमत ने घर का बजट खराब कर दिया है. 10-15 दिन पहले सौ रुपये में कई तरह की सब्जियां मिल जाती थी. अब पांच सौ रुपये में थैला नहीं भर रहा है. अब सब्जी को छोड़ तड़का, चना दाल, बरी आदि तैयार किया जा रहा है. वहीं, नीभा कसेरा का कहना है कि सब्जी आम लोगों से दूर हो गयी है. सब्जी खरीदने से पहले कई बार सोचना पड़ रहा है. पहले किलो में खरीद रहे थे, अब पाव में खरीदना पड़ रहा है. सब्जी की जगह दाल से तैयार पकवान, चटनी आचार, पनीर आदि तैयार किया जा रहा है.
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सब्जी की जगह विकल्प भोजन बना रही गृहिणियां
प्रतिमा पोद्दार का कहना है कि सब्जी महंगी होने से विकल्प तैयार कर भोजन बनाया जा रहा है. बड़े परिवार के लिए प्रतिदिन ऊंची कीमत पर सब्जी खरीदकर खाना मुश्किल हो गया है. गृहिणियों की परेशानी बढ़ गयी है. पांच सौ रुपये में भी झोला खाली रह जा रहा है. वहीं, सुमन देवी ने कहा कि सब्जी की कीमत में काफी उछाल आया है. सब्जी की खरीदारी पहले की तुलना में काफी कम हो गयी है. राजमा, सोयाबीन, दाल, चना दाल को सब्जी का विकल्प लिया गया है. बरसात में ऐसे भी साग-सब्जी का उपयोग कम करना चाहिए.