आगरा में मूसलाधार बारिश ने 18 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, मथुरा में भी जमकर बरसे बादल, मकान ढहा-सड़कें धंसी
आगरा और मथुरा में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई है. बुधवार को करीब दो घंटे तक हुई बारिश ने आगरा में 18 साल पुराने 65 मिलीमीटर बरसात के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. इस बारिश में आगरा शहर के कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए.
Agra-Mathura News: उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा जनपद में बुधवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा. दोनों जगहों पर मंगलवार शाम को मूसलाधार बारिश शुरू हुई. इसके बाद बुधवार को भी बादल जमकर बरसे.
आगरा और मथुरा में बारिश के चलते जगह-जगह जल भराव की स्थिति देखने को मिल रही है. वहीं छिटपुट घटनाओं में लोग मामूली रूप से घायल भी हुए हैं. कई जगह सड़कें धंस गई तो कई मकान जर्जर होने के चलते बरसात की वजह से धराशाई हो गए. हालांकि अभी तक कोई बड़ी जनहानि की सूचना सामने नहीं आई है.
मानसून का आखिरी दौर चल रहा है. ऐसे में आखिरी दौर ने उसने अपना असर दिखना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई. इसमें आगरा और मथुरा भी शामिल थे. मंगलवार शाम से ही आगरा और मथुरा में मूसलाधार बारिश हो गई. करीब दो घंटे तक हुई बारिश ने आगरा में 18 साल पुराने 65 मिलीमीटर बरसात के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. दो घंटे की बारिश में आगरा शहर के कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए.
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हाथी घाट रोड पर स्ट्रैची ब्रिज के नीचे भरने वाले पानी को निकालने के लिए नगर निगम द्वारा एक नाला बनाया गया था. जो यमुना नदी में जाकर गिरता था. लेकिन, कुछ दिनों पहले बाढ़ आने की वजह से यमुना का पानी बैक मारकर सड़क पर आ रहा था.
इसकी वजह से उस नाले को नगर निगम द्वारा बंद कर दिया गया. लेकिन, बाढ़ खत्म होने के बाद भी नाला नहीं खोला गया. ऐसे में दो घंटे की बरसात में ब्रिज के नीचे करीब 4 से 5 फीट पानी भर गया. इस वजह से यहां से निकलने वाले सैकड़ों वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. एक बस और कई अन्य वाहन बारिश के इस पानी में फंसकर बंद हो गए.
शहर के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश के चलते सड़क भी धंस गई. कई दो पहिया वाहन चालक अचानक से धंसी सड़कों में गिरकर चोटिल भी हो गए. कभी हल्की तो कभी तेज बारिश से जगह-जगह फिर से जल भराव हो गया है. लोग अपने दैनिक कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं.
वहीं मथुरा में बुधवार सुबह से शुरू हुई बारिश से कुंज गलियों में करीब ढाई से तीन फीट पानी भर गया. कई लोगों के घरों तक में पानी घुसने लगा. वहीं शहर के दलपत खिड़की इलाके में एक पुराना मकान गिर गया. यह मकान चाय बनाने वाले प्रदीप कुमार का बताया जा रहा है. हालांकि मकान का हिस्सा गिरने के वक्त कोई भी मौजूद नहीं था, जिससे कोई भी जनहानि नहीं हुई.
बांके बिहारी मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर भी करीब डेढ़ से दो फीट पानी भर गया है, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को पानी में से होकर ही बांके बिहारी के दर्शन के लिए जाना पड़ रहा है.
आगरा के प्रकाश नगर में रेलवे अंडरपास में 6 से 7 फीट पानी भर गया. जिसकी वजह से प्रकाश नगर के रहने वाले लोग आवागमन नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि पैदल चलने वाले लोग रेलवे लाइन को पार कर दूसरी तरफ पहुंच रहे हैं. लेकिन, जल भराव ज्यादा होने की वजह से अंडरपास के नीचे से कोई भी नहीं निकल रहा है.
आगरा के शाहगंज में रात करीब 10 बजे बारिश के चलते एक पुराना मकान रह गया. हालांकि यह मकान लंबे समय से खाली था जिसकी वजह से यहां कोई भी मौजूद नहीं था. वहीं मकान गिरने के बाद आई तेज आवाज की वजह से आसपास के लोगों में भी दहशत फैल गई.