पाकुड़ : शादी के 16 साल बाद दहेज के लिए पत्नी को किया प्रताड़ित, दो साल की सजा
पाकुड़ अपर सत्र न्यायाधीश-द्वितीय चौधरी एहसान मोइज के न्यायालय द्वारा दहेज हत्या के आरोपित अभियुक्त पति मोर सलीम अंसारी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है.
पाकुड़ : अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी निर्मल कुमार भारती के न्यायालय द्वारा जीआर नं 735/2017 पाकुड़ मुफस्सिल थाना कांड संख्या 116/2017 के आरोपित अभियुक्त रफीकुल शेख को दहेज उत्पीड़न के मामले में दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा के साथ-साथ 5000 रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी गयी. परिवादी फिरोजा देवी द्वारा अपने पति रफीकुल शेख व सास-ससुर के खिलाफ शादी के 16 वर्ष बाद दहेज के लिए छह लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया था. इसमें से चार लाख रुपये जमीन बेचकर अभियुक्त को दिया गया लेकिन दो लाख रुपये नहीं देने के कारण प्रताड़ित करते हुए एवं मारपीट करके 5 मई 2017 को घर से निकाल दिया गया था. इसको लेकर परिवादी द्वारा थाना में शिकायत की गयी लेकिन उसकी शिकायत को नहीं सुना गया. उसके बाद फिरोज बीबी ने न्यायालय में परिवार वाद दाखिल किया. इस पर न्यायालय के निर्देश पर अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी एवं विचारण के दौरान अभियुक्त रफीकुल शेख के विरुद्ध पर्याप्त सबूत पाया गया. बाकी अभियुक्तों के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं होने के कारण उसे रिहा किया गया. अभियुक्त रफीकुल शेख को भादवि की धारा 498ए के तहत दो वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी. अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता अशरफुल हक ने अपना पक्ष रखा. वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से राजेश लाल व सहायक अभियोजक ने अपना पक्ष रखा.
दहेज को लेकर हत्या करने वाले पति को आजीवन कारावास की सजा
पाकुड़ अपर सत्र न्यायाधीश-द्वितीय चौधरी एहसान मोइज के न्यायालय द्वारा दहेज हत्या के आरोपित अभियुक्त पति मोर सलीम अंसारी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. साथ ही ससुर मुसलीउद्दीन अंसारी को दस वर्ष का सश्रम कारावास, सास अनवर बीबी को दस वर्ष का सश्रम कारावास और देवर तस्लीम अंसारी को भी अदालत ने सजा सुनायी है. सजा पाने वाले सभी दोषी हिरणपुर थाना क्षेत्र के जबरदाहा गांव के रहने वाले हैं. हिरणपुर थाना कांड संख्या 82/2020 सत्र विचरण वाद संख्या 26/2021 के अधीन भादवि की धारा 304(बी) के तहत सजा सुनायी गयी. सभी अभियुक्तों पर आरोप था कि सूचिका की पुत्री की शादी मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था. सभी अभियुक्त द्वारा सूचिका की पुत्री के साथ हमेशा दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जाता था. सूचिका की पुत्री की ससुराल वालों द्वारा गला दबाकर हत्या कर दी गयी. न्यायालय ने सभी गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों को दोषी करार ठहराते हुए खुले न्यायालय में सजा सुनायी.
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