आगरा: जिला अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन का टोटा, टीके के लिए दर-बदर भटक रहे मरीज

आगरा के जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए मरीजों की भीड़ लगी हुई है. लेकिन कई दिन से वैक्सीन ना होने के चलते मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है. जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ अनीता शर्मा ने बताया कि मरीजों को सिर्फ आज के दिन ही परेशानी है. जल्द ही वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 12, 2023 3:11 PM
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आगरा : जिला अस्पताल में सुबह से ही एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए मरीजों की भीड़ लगी हुई है. लेकिन कई दिन से वैक्सीन ना होने के चलते मरीजों को निराश वापस लौटना पड़ रहा है. जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ अनीता शर्मा ने बताया कि मरीजों के लिए सिर्फ आज के दिन ही परेशानी है. कल मंगलवार को लोकल वेयरहाउस से करीब 1500 वैक्सीन आ जाएगी. वहीं आगरा के एक एनजीओ द्वारा जिला अस्पताल को सैकड़ो वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसके बाद जिला अस्पताल में वैक्सीन की कमी नहीं रहेगी.

जिला अस्पताल के पास है 1200 मल्टी डोज का स्टॉक

जिला अस्पताल में कई दिनों से एंटी रेबीज वैक्सीन ना होने के चलते कुत्ते और बंदर द्वारा काटे जाने वाले मरीज वापस लौट रहे हैं. आगरा शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ो की संख्या में रोजाना मरीज वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं. लेकिन काफी लंबे समय से जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन मौजूद ही नहीं है.

जिसकी वजह से भीषण गर्मी में दूर दूर से आए मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के पास 1000 से 1200 मल्टी डोज का स्टॉक बना रहता है. वही रोजाना करीब 400 से 650 मरीज एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं.

1500 वैक्सीन की हुई है व्यवस्था

जिला अस्पताल अधीक्षक अनीता शर्मा ने बताया कि शासन स्तर से वैक्सीन ना आ पाने के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन आगरा के लोकल वेयरहाउस से 1500 वैक्सीन की व्यवस्था हो गई है, जो मंगलवार तक आ जाएगी. इसके साथ ही आगरा की एक सामाजिक संस्था से करीब 900 वैक्सीन प्राप्त हो जाएगी. मंगलवार सुबह से सभी मरीजों को वैक्सीन लगवाना शुरू कर दिया जाएगा.

जिला अस्पताल में वैक्सीन लगवाने पहुंचे बुजुर्ग मदन मोहन ने बताया कि वैक्सीन खत्म होने की वजह से लोगों को दिक्कत होती हैं. लेकिन प्रशासन को यह सोचना चाहिए कि अगर आवारा कुत्ते और बंदरों की समस्या समाप्त हो जाए तो किसी को भी वैक्सीन लगवाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. नगर निगम बंदर और कुत्तों की रोकथाम पर लाखों रुपए खर्च करने की कह रहा है लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ है.

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