लातेहार के मंडल डैम की है अपनी अलग पहचान, जानें क्या है विशेषता

सबसे बड़ी विशेषता यहां यह दिखती है कि कैसे पलामू प्रमंडल के लाइफ लाइन माने जाने वाली कोयल नदी को पानी को यहां रोकने का प्रयास किया गया. दो पहाड़ियों के बीच से संकीर्ण मार्ग से गुजरती कोयल नदी को देखना पर्यटकों को काफी भाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 20, 2023 1:47 AM
an image

बेतला : पलामू प्रमंडल के बीहड़ घने जंगलों के बीच एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज कुदरत की कारीगरी से रूबरू कराने वाले पर्यटन स्थल बरबस ही पर्यटकों को अपनी और खींच लेते हैं. इन पर्यटन स्थलों में मंडल डैम की अपनी अलग ही पहचान है. यहां की भौगोलिक संरचना इस प्रकार है कि आने के बाद बहुत कुछ सीखने का अवसर मिल जाता है. डैम के ऊपरी हिस्से पर चढ़ने के बाद आसपास का जो दृश्य दिखाई देता है उसे पर्यटक चाह कर भी नहीं भूल पाते हैं.

सबसे बड़ी विशेषता यहां यह दिखती है कि कैसे पलामू प्रमंडल के लाइफ लाइन माने जाने वाली कोयल नदी को पानी को यहां रोकने का प्रयास किया गया. दो पहाड़ियों के बीच से संकीर्ण मार्ग से गुजरती कोयल नदी को देखना पर्यटकों को काफी भाता है. गारू की ओर से आ रही कोयल नदी जो पूरब से पश्चिम की ओर बह रही होती है. यहां पर आकर करीब-करीब समकोण बनाते हुए उत्तर दिशा की ओर बहने लगती है. यही कारण है कि साल के आखिरी दिनों व नव वर्ष के स्वागत में हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.

Also Read: पर्यटन स्थलों को विकसित कर बदली जा सकती है पलामू की तस्वीर, अधिकतर टूरिस्ट स्पॉट अब लातेहार में
पलामू टाइगर रिजर्व की स्थापना काल के समय शुरू हुई यह परियोजना

पलामू टाइगर रिजर्व की स्थापना के समय 1973-74 में ही अति महत्वकांक्षी उत्तर कोयल जल विद्युत परियोजना जिसे मंडल डैम नाम दिया गया की नींव रखी गयी थी. एकीकृत बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के द्वारा यह परियोजना शुरू की गयी थी. यह परियोजना लातेहार जिले के मंडल गांव में स्थित है. पनबिजली उत्पादन सहित अन्य बहुदेशीय प्रयोजन से मंडल डैम का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. भले ही या परियोजना अभी अधर में है. लेकिन इसकी खूबसूरती अभी कम नहीं हुई है. पर्यटकों की चाहत नव वर्ष को सेलिब्रेट करने के लिए यहां उन्हें खींच लाती है.

राष्ट्रीय पटल पर आ गया है मंडल डैम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच जनवरी 2019 को पलामू से वर्षों से अधूरे पड़े निर्माण के जीर्णोद्धार हेतु शिलान्यास करके मंडल डैम को चर्चा में ला दिया है. राष्ट्रीय पटल पर मंडल डैम की छवि बन चुकी है. इसलिए देश-विदेश के सैकड़ो पर्यटक जो बेतला नेशनल पार्क पहुंचते हैं वह एक बार मंडल डैम भी अवश्य जाना चाहते हैं.

सावधान रहने की जरूरत

मंडल डैम को देखना जितना रोचक है उतना खतरनाक भी है. जहां पर गेट बनाया गया है वहां सावधानी रखने की जरूरत होती है. खासकर बच्चों व महिलाओं को यदि अपने साथ ले गये हो तो आपको पूरी सावधानी रखनी होगी. वही इस के निचले हिस्से को देखने के लिए भी काफी सावधानी के साथ उतरना होता है.

कैसे पहुंचे मंडल डैम

मंडल डैम प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से 60 किलोमीटर दूर है. वहीं लातेहार से इसकी दूरी 115 किलोमीटर, बेतला से 45 किलोमीटर व बरवाडीह से 30 किलोमीटर दूरी है.

Exit mobile version