Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक में पुरुष रैंकिंग राउंड स्पर्धा में भारतीय तीरंदाजों ने निराश किया. वह उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाए जैसी उनसे उम्मीद की जा रही थी. भारत के शीर्ष रिकर्व तीरंदाज प्रवीण जाधव (Pravin Jadhav) रैंकिंग फील्ड में पुरुष व्यक्तिगत तीरंदाजी रैंकिंग दौर में 31वें स्थान पर रहे, जबकि अतनु दास (Atanu Das) और तरुणदीप राय की जोड़ी क्रमश: 35वें और 37वें स्थान पर रही. वहीं भारत की स्टार महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी रैंकिंग राउंड में नौवें स्थान पर रही.
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South Korea's 🇰🇷Kim Je Deok clinches 1st spot with 688/720#Cheer4India pic.twitter.com/iQRDPstjCP
— SAI Media (@Media_SAI) July 23, 2021
महिला स्पर्धा में दीपिका के 663 अंक को देखते हुए भारत को मिश्रित टीम स्पर्धा में नौवीं रैंकिंग मिली, जिसमें देश को पदक की उम्मीद लगी हुई है. विश्व की नंबर एक तीरंदाज दीपिका ने शानदार शुरुआत की. एक समय वह चौथे स्थान पर थीं. लेकिन जैसे-जैसे खेले आगे बढ़ा वह पिछड़ती चली गईं.
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Men's Individual Ranking Round | After 60 of 72 Arrows 👇 pic.twitter.com/f6e3bRoWKY
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बता दें कि दीपिका कुमारी, अतनु दास, तरूणदीप राय और प्रवीण जाधव की चौकड़ी इस खेल में देश को पहला ओलिंपिक पदक दिलाने की उम्मीद के साथ तोक्यो पहुंची है. इनमें सबसे ज्यादा उम्मीदें दास और दीपिका की पति-पत्नी की जोड़ी से लगी है, जो पेरिस विश्व कप की मिश्रित युगल स्पर्धा की तरह का जादू युमेनोशिमा पार्क में बिखेरना चाहेगी, जहां पर शनिवार को यह स्पर्धा खेलों में पदार्पण करेगी.
वर्ष 1988 खेलों के बाद भारत ने इस खेल में कई चैंपियन दिये हैं, जिसमें लिंबा राम और फिर डोला बनर्जी ने सभी स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीते, लेकिन ओलिंपिक में ऐसा नहीं कर सके. जयंत तालुकदार 2006 में दुनिया के दूसरे नंबर के तीरंदाज बन गये थे, जबकि डोला बनर्जी ने 2007 में विश्व चैंपियन बनकर उम्मीदें बढ़ा दी थीं, लेकिन बीजिंग 2008 में ये सभी विफल रहे. इसके बाद दीपिका ने 15 साल की उम्र में 2009 युवा विश्व चैंपियनशिप जीतकर आकर्षित किया और फिर अगले साल नयी दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले, लेकिन लंदन, 2012 में बाहर हो गयी थीं.