झारखंड : पलामू टाइगर रिजर्व में दिखे बाघ का 30 दिनों से नहीं मिला कोई ट्रैस, बाहर निकलने की संभावना

छत्तीसगढ़ से पलामू टाइगर रिजर्व में आये बाघ का पिछले 30 दिनों से कोई ट्रैस नहीं मिल रहा है. बॉर्डर इलाके में जगह-जगह पर कैमरा ट्रैप लगाया गया है. स्केट और पदचिह्न की खोजबीन की गयी, लेकिन वन कर्मियों को निराशा ही हाथ लगी. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि बाघ पीटीआर से बाहर निकल गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2023 5:35 PM
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बेतला (लातेहार), संतोष कुमार : पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve-PTR) में करीब एक महीने पहले दिखे बाघ का अब कोई ट्रैस नहीं मिल रहा है जबकि पीटीआर प्रबंधन द्वारा उसकी खोजबीन में कुशल वन कर्मियों को लगाया गया है. पूरे पलामू टाइगर रिजर्व सहित इसके बॉर्डर इलाके में जगह-जगह पर कैमरा ट्रैप भी लगाया गया है. इतना ही नहीं स्केट (मल) और पग मार्क की खोजबीन की जा रही है, लेकिन अब तक वन कर्मियों को निराशा ही हाथ लगी है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि बाघ पलामू टाइगर रिजर्व से बाहर निकल गया है.

छत्तीसगढ़ से आया था बाघ

17 मार्च को बाघ पीटीआर में छत्तीसगढ़ की ओर से आया था. इसके बाद लगातार कुटकू इलाके में वह तीन दिनों तक रहा था. जहां मवेशी का भी शिकार उसके द्वारा किया गया था. उसकी तस्वीर को न केवल कैमरा ट्रैप में कैद किया गया था, बल्कि पीटीआर के सीनियर पदाधिकारियों द्वारा मोबाइल से तस्वीर भी खींची थी. इसके तीन दिनों के बाद बाघ वहां से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित चुंगरू- कुमंडीह इलाके में पहुंच गया था. जहां उसके द्वारा तीन व्यक्तियों को घायल कर दिया गया था. यह घटना 23 मार्च की थी. इसके बाद वह बाघ कहां गायब हो गया इसकी जानकारी नहीं मिल रही है. इसको लेकर वन विभाग के पदाधिकारी पूरी सतर्कता से जुटे हुए हैं.

लोहरदग्गा या चतरा जाने की है संभावना

पदाधिकारियों के अनुसार, बाघ का भी अपना कॉरिडोर होता है. जिसके जरिये उनका आना-जाना होता है. कॉरिडोर के हिसाब से वह बाघ लातेहार के पतकी अथवा चतरा, लावालोंग अथवा लोहरदगा क्षेत्र के जंगलों में भी जा सकता है. ऐसी भी संभावना जतायी जा रही है कि बाघ छत्तीसगढ़ की ओर लौट गया होगा. हालांकि ,सभी बिंदुओं पर इसकी छानबीन की जा रही है. छत्तीसगढ़- झारखंड के बॉर्डर पर वन विभाग के कर्मियों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है. इतना ही नहीं, 1129 वर्ग किलोमीटर के पीटीआर के बॉर्डर इलाके में भी विशेष निगरानी की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बाघ किस ओर गया होगा.

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पीटीआर के बॉर्डर एरिया में रखी जा रही निगरानी : प्रजेश कांत जैना

पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने कहा कि अभी तक तो जानकारी है उसके मुताबिक बाघ पीटीआर के बाहर होने की पूरी संभावना है. हालांकि, इसे पूरी तरह से सच नहीं माना जा सकता. पीटीआर के अलावे इसके बॉर्डर एरिया में भी पूरी निगरानी की जा रही है. जीपीएस कॉलर नहीं होने से उसके प्रवास के वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है.

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