UP News: मेरठ से ट्रैक्टर चुराकर ले गए गाजियाबाद, फिर 10 फीट नीचे मिट्‌टी में दबाया, जानें कैसे हुआ खुलासा

मेरठ से चोरों ने ट्रैक्टर चोरी करके गाजियाबाद लेकर गए. फिर 10 फुट जमीन के अंदर गड्ढे खोंदकर उसमें में दबा दिया. जब पुलिस और सर्विलांस टीम मिलकर ट्रैक्टर खोजते हुए मौके पर पहुंची तो जेसीबी से मिट्‌टी हटवाकर ट्रैक्टर को बरामद किया है.

By Sandeep kumar | December 10, 2023 6:41 PM

यूपी में शातिर चोरों का अजब-गजब कारनामा सामने आया है. मेरठ से ट्रैक्टर चोरी करके 60 किलोमीटर दूर गाजियाबाद लेकर गए. फिर 10 फुट जमीन के अंदर गड्ढे खोंदकर उसमें में दबा दिया. जब पुलिस और सर्विलांस टीम मिलकर ट्रैक्टर खोजते हुए मौके पर पहुंची तो जेसीबी से मिट्‌टी हटवाकर ट्रैक्टर को बरामद किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. दरअसल मुंडाली थाना क्षेत्र के मुरलीपुर फूल निवासी रिंकू पुत्र राकेश ने 3 दिसंबर को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका महेंद्रा ट्रैक्टर 585 डीआई नंबर UP15 DM 7205 चोरी हो गया. रात में कोई अज्ञात चोर ट्रैक्टर ले गए हैं. शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज की. किठौर सीओ के निर्देशन में ट्रैक्टर की तलाश शुरू हुई. पुलिस ने इलाके के आसपास के सीसीटीवी चेक किए तो उसमें ट्रैक्टर चोरी होने की घटना नजर आया. इसके आधार पर पुलिस ने 3 आरोपियों प्रतीक, तरुण और सूरज को मेरठ से गिरफ्तार किया.

पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस के साथ हुई पूछताछ में तीनों ने बताया कि उन्होंने अपने मेरठ के रहने वाले साथी अजय और संभल निवासी अरुण के साथ मिलकर ट्रेक्टर चोरी किया था. चोरी के बाद ट्रैक्टर को कहां छिपाएं इसलिए हमने एसटीपी वाटर प्लान्ट शान्ति नगर गाजियाबाद के पास मिट्टी मे दबा दिया. पुलिस तीनों आरोपियों की निशानदेही पर गाजियाबाद के एसटीपी वाटर प्लांट शांतिनगर में पहुंची. जहां उबड़ खाबड़ जमीन के नीचे ट्रैक्टर दबा होना बताया. पुलिस ने खुदाई कराई तो नीचे ट्रेक्टर मिला. पुलिस ने पूरे मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें मेरठ के भावनपुर दतावली गांव के रहने वाले प्रतीक, जयभीम नगर निवासी तरुण और मुंडाली निवासी सूरज को गिरफ्तार किया गया है. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने ट्रेक्टर भी बरामद किया है. अन्य 2 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.

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पत्नी ने पति को पिलाई शराब और चाकू से काट दिया गला

गाजियाबाद की इंदिरापुरम हुए ब्लाइंड मर्डर का पुलिस ने खुलासा किया है. नोएडा की छिजारसी कॉलोनी में रहने वाले मजदूर बृजकिशोर वाल्मीकि की 3 दिसंबर को की गई हत्या का शनिवार को खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि पत्नी पुष्पा ने ही प्रेमी शीलेंद्र वाल्मीकि से अपने पति की हत्या कराई थी. इसमें शीलेंद्र के फुफेरे भाई नन्हे वाल्मीकि ने भी साथ दिया. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुष्पा और शीलेंद्र के प्रेम प्रसंग का पता चलने पर बृजकिशोर विरोध करता था. मजदूरी करने वाले बृजकिशोर का शव 4 दिसंबर को छिजारसी अंडरपास के सामने ग्रीन बेल्ट में मिला था. पुलिस ने उसके घर के आसपास के लोगों से जानकारी की तो उन्होंने उसकी पत्नी पुष्पा पर शक जाहिर किया. इस पर पुलिस ने पुष्पा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई. इससे पता चला कि वह रोज काफी देर तक शीलेंद्र से बात करती थी. शीलेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने राज उगल दिया.

डीसीपी शुभम पटेल ने बताया कि बृजकिशोर मूलरूप से बदायूं के वसेला गांव का निवासी था. पत्नी पुष्पा के साथ काफी समय से नोएडा में सेक्टर-63 में छिजारसी में किराए पर रह रहा था. दोनों की शादी 2011 में हुई थी. उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. छिजारसी में पड़ोस में शीलेंद्र का मकान है. दो साल पहले बृजकिशोर ने शीलेंद्र से दो हजार रुपये उधार लिए थे. उसे वापस लेने के लिए वह घर आने लगा. इस दौरान उसकी पुष्पा से नजदीकी बन गई. इसका पता चलने पर बृजकिशोर पुष्पा को लेकर अपने गांव चला गया, लेकिन शीलेंद्र ने पीछा नहीं छोड़ा. वह पुष्पा से मिलने के लिए वहीं पर जाने लगा. दोनों के बीच फोन पर घंटों बात होती थी. शीलेंद्र ने कई बार पुष्पा को कपड़े उपहार में दिए. इस पर बृजकिशोर ने पुष्पा को चेतावनी दे दी कि वह पुलिस से शिकायत कर देगा. इसके बाद ही दोनों ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच डाली और उसे अंजाम देकर उसकी जान ले ली.

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ऐसे दिया वारदात को अंजाम

डीसीपी ने शीलेंद्र से की गई पूछताछ के हवाले से बताया कि 3 दिसंबर को बृजकिशोर को छिजारसी में किराये के कमरे से सामान वापस लेने के लिए आना था. शीलेंद्र और पुष्पा पहले ही उसकी हत्या की साजिश बना चुके थे. पुष्पा ने शीलेंद्र को 500 रुपये आनलाइन ट्रांसफर किए. वह इस रकम से शराब खरीद लाया. उसने फोन करके बृजकिशोर को अपने कमरे पर बुला लिया. उससे कहा कि वह अपने किए पर शर्मिंदा है. उसने उससे माफी मांगने का नाटक किया. इसके बाद कहा कि अगर उसने उसे माफ कर दिया है तो आज उसके साथ शराब पीए. वहीं पर नन्हें को बुला लिया. नन्हें पहले ही चाकू खरीद लाया था. रात को तीनों ने छिजारसी अंडरपास के नीचे शराब पी. बृजकिशोर को ज्यादा पिलाई. उसके नशे में होते ही शीलेंद्र ने पहले उसका गला चाकू से काट दिया. इसके बाद ईंट से सिर कूच दिया. उसकी मौत होने पर वह और नन्हें शव को झाड़ियों में फेंककर भाग गए.

फोटो देखकर भाई ने पहचाना था शव

बता दें कि बृजकिशोर का शव 4 दिसंबर को मिला था. उसे जानवर खा चुके थे. पहचान हो पाना मुश्किल था. पुलिस ने आसपास के थानों में शव के फोटो भिजवा दिए. उधर, बृजकिशोर का फोन स्विच आफ होने से परिजन परेशान थे. उसका भाई लोकपाल इंदिरापुरम थाने पहुंचा. वहां नोटिस बोर्ड पर भाई के शव का फोटो देखकर चौंक गया. उसने कपड़ों के आधार पर बृजकिशोर की पहचान की. इसके बाद पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी.

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