धनबाद में ट्रैफिक लाइट सिग्नल नहीं, 12 साल से यह सिस्टम घोषणाओं तक ही सीमित

धनबाद शहर के तीन स्थानों पर वर्ष 2010 में तीन स्थानों पर ऑटोमेटिक ट्र्रैफिक लाइटें लगी थी. इसमें शहर का रणधीर वर्मा चौक, मिश्रित भवन चौक तथा जेपी चौक बैंक मोड़ शामिल है. लेकिन, यह सिस्टम कुछ ही दिन में खराब हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 26, 2023 11:29 AM
an image

Traffic light signal not in Dhanbad: धनबाद जैसे शहर में ट्रैफिक लाइट सिग्नल नहीं है. कई बार इसके लिए योजना बनी. कभी जिला प्रशासन, तो कभी नगर निगम प्रशासन की तरफ से घोषणा हुई. नगर निगम बोर्ड ने 16 स्थानों पर सिग्नल लाइट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी. लेकिन, बोर्ड भंग होते ही यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया. अगर ट्रैफिक लाइट लग जाये तो न केवल शहर में जाम की समस्या कुछ कम हो जायेगी. बल्कि शहर का लुक भी बदल जायेगा.

वर्ष 2010 में एक बार लगी थी लाइटें

धनबाद शहर के तीन स्थानों पर वर्ष 2010 में तीन स्थानों पर ऑटोमेटिक ट्र्रैफिक लाइटें लगी थी. इसमें शहर का रणधीर वर्मा चौक, मिश्रित भवन चौक तथा जेपी चौक बैंक मोड़ शामिल है. लेकिन, यह सिस्टम कुछ ही दिन में खराब हो गया. कबाड़ बन कर रह गया. आज भी एक-दो स्थानों पर लाइट का पोल लगा हुआ है. एक बार खराब होने के बाद इसकी मरम्मत नहीं हो पायी. केवल घोषणाएं होती रहीं. कई बार सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी यह मामला उठा. इसका क्रियान्वयन कौन करेगा, इसको लेकर भी कई वर्षों तक जिच रहा. कुछ पुलिस जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाने की भी बात हुई. लेकिन, बाद में तय हुआ कि धनबाद नगर निगम की तरफ से ऑटोमिटक ट्रैफिक लाइटें लगेंगी. इसका मेंटेनेंस भी नगर निगम ही करेगा. पूरे धनबाद नगर निगम क्षेत्र तथा कुछ दूसरे स्थानों को मिला कर कुल 16 स्थानों पर लाइट लगाने की घोषणा हुई. इस प्रस्ताव को धनबाद नगर निगम बोर्ड से मंजूरी भी मिली. लेकिन, धरातल पर उतारने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ.

कहां-कहां लगना है ट्र्रैफिक सिग्नल

धनबाद नगर निगम की तरफ से मेमको मोड़, सिटी सेंटर, रणधीर वर्मा चौक, जेपी चौक, पूजा टॉकीज मोड़, बिरसा चौक, करकेंद मोड़, कतरास थाना चौक, कतरास मोड़ झरिया, स्टील गेट, हीरापुर हटिया चौक, गोविंदपुर मोड़, इंदिरा चौक झरिया में ट्रैफिक लाइट लगाने की योजना थी.

Also Read: Traffic Jam: धनबाद के निरसा में 18 घंटे तक महाजाम, एंबुलेंस में तड़पते रहे मरीज

Exit mobile version