धनबाद की सड़कों पर इन दिनों नाबालिग टोटो चालकों का आतंक बढ़ गया है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना और रोकने पर मारपीट पर उतारू हो जाना इनका शगल बन चुका है. इस कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गयी है. आम लोगों से लेकर शहर के वीआइपी तक को परेशान होना पड़ रहा है. इतना ही नहीं गली मुहल्ला तक पहुंचने वाले टोटो चालक यात्रियों की जान जोखिम में डालकर जहां-तहां वाहन पार्क कर दे रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई के बाद भी इन लोगों में किसी तरह का सुधार नहीं दिख रहा है. पुराना बाजार में टोटो चालकों ऐसा आतंक है कि आम लोग उसे कुछ बोल भी नहीं पाते. टेंपल रोड से चलने वाले टोटो की गति धीमी करने के लिए मुहल्ला के लोगों ने चंदा कर छह स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाया. लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है.
दुर्घटना होते ही हो जाते हैं फरार
पिछले दो सालों में टोटो की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. इस वजह से शहर में टोटो के दो दर्जन से ज्यादा अवैध स्टैंड बन गये हैं. यदि इन्हें कोई हटाने का प्रयास करता है, तो मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. इतना ही नहीं इनमें से अधिकतर के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं है. उन्हें यह भी पता नहीं कि किस मार्ग में चलना है और कहां नो इंट्री है. कई बार टोटो चालक सवारी उठाने को लेकर मारपीट भी करते हैं.
इन जगहों पर है टोटो का अवैध स्टैंड
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पुराना बाजार
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बरमसिया ओवर ब्रिज
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हीरापुर
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रणधीर वर्मा चौक
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बरटांड़
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बेकारबांध
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स्टील गेट
पिछले तीन दिनों में चार दर्जन से ज्यादा टोटो को पकड़ा गया है. इस दौरान कई नाबालिग भी पकड़ाये और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया है. इसभी जवान को सख्त निर्देश दिया गया है कि नाबालिग वाहन चलाते पकड़े जायें, तो तुरंत कार्रवाई करें.
-राजेश कुमार, ट्रैफिक डीएसपी
शहर के टोटो संचालकों को एक सप्ताह का समय दिया है. इसके बाद बिना रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस के टोटो चलाते पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ेगा.लगातार सूचना मिल रही थी कि नाबालिग टोटो चला रहे है. इस पर रोक आवश्यक है. ऐसे में टोटो संघ के माध्यम से सभी संचालकों को जागरूक करने को कहा गया है.
-राजेश कुमार सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी, धनबाद
टोटो चालकों का लाइसेंस बनवाने की मांग
झारखंड ई-रिक्शा टोटा संघ ने सोमवार को डीटीओ राजेश कुमार से मिलकर टोटो चालकों की समस्याओं को रखा. प्रदेश प्रवक्ता संतोष कुशवाहा ने बताया कि लाइसेंस नहीं होने पर टोटो चालकों को भारी-भरकम फाइन चुकाना पड़ रहा है. वहीं लाइसेंस बनवाने के लिये बिचौलियों द्वारा राशि की मांग की जाती है.