ओडिशा में सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर चालकों के एक संगठन ने बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की, जिससे राज्य में सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हुआ. ओडिशा चालक एसोसिएशन के बैनर तले लगभग दो लाख ड्राइवर हड़ताल में शामिल हैं. इसके चलते हजारों लोग भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, ब्रह्मपुर, बालेश्वर और बलांगीर जैसे प्रमुख शहरों और कस्बों में फंसे हुए हैं. प्रदर्शनकारी पेंशन, बीमा और मृत्यु लाभ जैसी अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
परिवहन मंत्री टुकुनी साहू ने बुधवार को कहा कि हम चालकों से अपील करते हैं कि वे हड़ताल वापस लें और उनके मुद्दों को हल करने में सरकार का सहयोग करें. गौरतलब है कि मंगलवार को मंत्री और चालकों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही थी.
इस बीच, राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षक को हड़ताल के दौरान लोगों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए आकस्मिक योजना तैयार रखने का निर्देश दिया है. सिटी पुलिस आयुक्त सौमेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि वाहनों की आवाजाही को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने लोगों को किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में हेल्पलाइन संख्या 112 पर फोन करने की सलाह दी. बरमुंडा बस टर्मिनल पर फंसे एक यात्री ने कहा कि मुझे हड़ताल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मैं पश्चिम बंगाल से आया हूं और नयागढ़ जाना चाहता हूं.
लेकिन मैं अब बेबस हूं. एसोसिएशन ने एंबुलेंस सेवा और जरूरी सामान ले जाने वाले वाहनों को हड़ताल के दायरे से बाहर रखा है. इस बीच, विधानसभा में वाहन चालकों की हड़ताल का मुद्दा उठाया गया और भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस विधायकों ने पूरे राज्य में सड़क परिवहन सेवाओं के बाधित होने पर चिंता व्यक्त की. कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा और भाजपा नेता मोहन माजी ने मामले को सुलझाने और सार्वजनिक परिवहन को जल्द बहाल करने का आग्रह किया.
के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित
परिवहन मंत्री टुकुनी साहू ने कहा है कि इनकी मांगों पर विचार करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. हड़ताल से आम लोगों को परेशानी हो रही है. उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भी काफी सकारात्मक रूप से विचार कर रहे हैं.