गढ़वा : झारखंड सरकार ने अलग-अलग राज्यों से आ रहे प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने का संकल्प ले रखा है. इस कार्य को सरकार बखूबी कर भी रही है. गढ़वा जिला के ट्रांसपोर्टर सरकार के इस अभियान में मदद नहीं कर रहे. ऐसे ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है.
गढ़वा जिला प्रशासन ने ऐसे ट्रांसपोर्टर्स को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बसें उपलब्ध नहीं करायीं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उनकी बसों का निबंधन सस्पेंड कर दिया जायेगा, जिसके बाद बस के मालिक अपनी बस नहीं चला पायेंगे.
निबंधन सस्पेंड करने के बाद सभी जिलों को एक पत्र भेजा जायेगा, जिसमें उनसे आग्रह किया जायेगा कि इन बसों को सीज कर लिया जाये. इतना ही नहीं, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी, जिनके नाम से बस का रजिस्ट्रेशन होगा.
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गढ़वा जिला में लगभग 117 बसें निबंधित हैं. पिछले 15 दिनों से बसों के मालिकों से आग्रह किया गया है कि राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए अपनी बसें उपलब्ध करवायें. इनमें से महज 14 बस मालिकों ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए बसें दी हैं.
बाकी बस मालिकों ने प्रशासन की अपील को अनसुना कर दिया है. इससे जिला प्रशासन के अधिकारी बेहद नाराज हैं. उन्हें प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए अखबारों में विज्ञापन जारी करके ऐसे बस मालिकों को एक तरह से चेतावनी दी गयी है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि गढ़वा जिला एक साथ कई राज्यों की सीमा से सटा है. यह जिला बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा है. इन राज्यों से या इन राज्यों के रास्ते से लोग अपने घर आ रहे हैं. जिला में 44 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. सभी प्रवासी हैं. ये लोग महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों से आये हैं.