बड़कागांव (संजय सागर) : झारखंड की राजधानी रांची से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित हजारीबाग जिला में कोयला ढुलाई करने वाली ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों को उग्रवादियों ने ‘फौजी’ कार्रवाई की धमकी दी है. लगातार तीसरे दिन पोस्टर साटकर दी गयी धमकी के बाद से कोयला खदान क्षेत्र में दहशत का माहौल है. बड़कागांव की पुलिस कथित तौर पर टीएसपीसी के नक्सलियों की तलाश में लगातार छापामारी कर रही है. हालांकि, न तो पुलिस को अब तक कोई सफलता हाथ लगी है, न ही कोयले की ट्रांसपोर्टिंग प्रभावित हुई है.
हजारीबाग जिला के बड़कागांव में नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) लगातार तीन दिन से पोस्टरबाजी कर रहा है. पोस्टर के जरिये ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों एवं उसके मालिकों को धमकी दी जा रही है. पोस्टर साटे जाने के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है, लेकिन कोयले की ढुलाई बदस्तूर जारी है. ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों को आइआरबी के जवान सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और उनके संरक्षण में कोयले की ढुलाई हो रही है.
सबसे पहले 13 दिसंबर, 2020 को बड़कागांव थाना क्षेत्र के कई गांवों में टीएसपीसी ने पोस्टर चिपकाये थे. अलग-अलग जगहों पर चिपकाये गये इन पोस्टरों को पुलिस ने जब्त कर लिया था. इसके बाद से इस नक्सली संगठन के विरुद्ध छापामारी अभियान चलाया जा रहा है. 15 दिसंबर, 2020 को तीसरे दिन भी बड़कागांव मुख्य चौक एवं ब्लॉक मोड़ के पास टीएसपीसी द्वारा पोस्टर चिपकाया गया.
पुलिस ने सभी पोस्टर जब्त कर लिये हैं. पोस्टर में लिखा गया है कि सामंतवाद, पूंजीवाद मुर्दाबाद, मार्क्सवाद, लेनिनवाद, माओ विचारधारा जिंदाबाद, शोषण, दमन, बलात्कारी, हत्यारों के खिलाफ में जनता गरज उठे. नक्सली जांच के नाम पर एनआईए द्वारा विस्थापित प्रभावित निर्दोष आम जनता को मारपीट के फर्जी मुकदमों में फंसाना बंद करो. एनआईए व पुलिस प्रशासन के दलाल दलाली करना बंद करें.
इसमें आगे लिखा गया है कि सीसीएल व एनटीपीसी के अधिकारी एवं कर्मचारियों की ओर से विस्थापन से प्रभावित आम जनता को धौंस देना, धमकी देना और उनके साथ मारपीट एवं गाली-गलौज करना बंद करो. संगठन ने लोगों को जल, जंगल एवं जमीन से बेदखल करने वाली सरकार को शिखंडी करार देते हुए मजदूरों और किसानों से एकजुट होने की अपील की है. कहा है कि वे अपने अधिकारों के लिए संगठित हों और संघर्ष करें. पोस्टर में लिखा है, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत कहने वालों, ये देखो हाल, भारतीय विस्थापन नीति से जनता बेहाल.’
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पोस्टर में नेताओं को भी चोर कहा गया है. लिखा है, ‘नेता, मंत्री, सांसद एवं विधायक सब चोर हैं. पूंजीवादी की ओर हैं.’ लिखा गया है कि भारत सरकार विकास-विकास चिल्लाती है. झारखंड जैसे राज्यों में खदान चलता है, पूंजीवादी माफिया का पेट भरता है. झारखंड राज्य में सीसीएल, बीसीसीएल, एनटीपीसी के द्वारा अतिक्रमण व उत्खनन कर खेती योग्य जमीन को पहाड़ व बंजर बनाया जा रहा है. इसे रोकना होगा.
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पोस्टर के जरिये मांग की गयी है कि विस्थापित रैयतों के पुनर्वास के लिए प्रमाण पत्र दें. सीसीएल, बीसीसीएल और एनटीपीसी आम जन से मूल प्रमाण पत्र व खतियान लेना बंद करे. विस्थापन से प्रभावित रैयतों के गांवों का सीएसआर फंड से विकास हो. ऐसा नहीं करने पर सीसीएल के अधिकारियों को जनता मार भगायेगी. नक्सलियों ने कहा है कि विस्थापित प्रभावित आम जनता की मूल समस्या के समाधान करने तक सभी कंपनियां काम बंद करें.
नक्सलियों ने कहा है कि जीएम तथा एनआईए षड्यंत्र कर रहे हैं. ये लोग 77 विस्थापितों को उग्रवादी बनाने के लिए बेहाल हैं. अशोका, पिपरवार, मगध, आम्रपाली, एनके एरिया के जीएम, पीओ (एनआईए) व पुलिस प्रशासन के षड्यंत्र को आम जनता बेनकाब करे. सभी कोयला, ट्रांसपोर्टिंग, ट्रक, हाईवा, लोडर, पोकलेन के मालिक व गाड़ी चालकों को निर्देश है कि विस्थापितों के हक में कटाई, ढुलाई 16 दिसंबर तक बंद करें.
नक्सलियों ने उपरोक्त काम में लगी कंपनियों से कहा है कि यदि उन लोगों ने संगठन के आदेश का उल्लंघन किया, तो उनके खिलाफ ‘फौजी’ कार्रवाई की जायेगी. पोस्टर के नीचे निवेदक में उत्तरी दक्षिणी छोटानागपुर तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति जोनल कमेटी टीएसपीसी झारखंड लिखा है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पोस्टर साटने वालों की तलाश तेज कर दी है. दूसरी ओर, लोगों के बीच भय का माहौल है.
Posted By : Mithilesh Jha