Shangri-La Valley: इस घाटी में जो गया, कभी लौट कर नहीं आया, आखिर क्या है भारत के शांगरी ला घाटी का रहस्य…
Shangri-La Valley: शांगरी-ला को वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में गिना जाता है. घाटी का जिक्र अरुण शर्मा ने अपनी किताब 'तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी' में भी किया है. उनके मुताबिक एक लामा ने उन्हें बताया कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है.
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शांगरी-ला को वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में गिना जाता है
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शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है और वहां मन, प्राण और विचार की शक्ति एक खास सीमा तक बढ़ सकती है
Shangri-La Valley: ये दुनिया जितनी खूबसूरत दिखती है उतनी ही रहस्यों से भरी है, जिनकी गुत्थी आज तक कोई सुलझा नहीं पाया है. आज हम आपकों एक ऐसी ही रहस्यमयी जगह के बारे में बताएंगे जहां लोग एक बार गए तो वापस कभी लौट कर नहीं आए. हम बात कर रहे हैं शांगरी ला घाटी की, ये घाटी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच में ही कहीं पर स्थित है.
शांगरी-ला को वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में गिना जाता है. घाटी का जिक्र अरुण शर्मा ने अपनी किताब ‘तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी’ में भी किया है. उनके मुताबिक एक लामा ने उन्हें बताया कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है और वहां मन, प्राण और विचार की शक्ति एक खास सीमा तक बढ़ सकती है. उन्होंने बताया कि अगर कोई वस्तु या इंसान वहां अनजाने में भी चला जाए, तो वह वापस दुनिया में कभी नहीं आ पाता है.
युत्सुंग के मुताबिक वह खुद इस रहस्यमय घाटी में जा चुके हैं, और वहां न तो सूर्य का प्रकाश था और न ही चंद्रमा, लेकिन फिर भी चारों तरफ एक रहस्यमय प्रकाश फैला रहता है. इस जगह को कई लोग धरती का आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र भी कहते है. इसके अलावा इसे सिद्धाश्रम भी कहते हैं, जिसका जिक्र महाभारत से लेकर वाल्मिकी रामायण और वेदों में भी किया गया है.
नहीं लगा पाया कोई भी पता
वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट के अनुसार यह घाटी भारत के उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर कहीं पर हैं. इस घाटी को लोग ‘शांगरी-ला घाटी’ (shangri la valley) के नाम से भी जानते है. इस घाटी को आज तक किसी ने भी नहीं देखा है . लेकिन जो भी इसे देखता है वह किसी को इस बारे में बताने के लिए वापस नही आ पाता.
कई किताबों में भी जिक्र
अरुण शर्मा की किताब ‘तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी’ में इस घाटी का जिक्र किया गया है. उनके मुताबिक, युत्सुंग नाम के एक लामा ने उन्हें बताया था कि शांगरी ला घाटी में काल ठहर सा जाता है. वहां पहुंचने पर मन, प्राण और विचार की शक्ति काफी बढ़ जाती है. अगर गलती से कोई इंसान वहां पहुंच जाए तो वह वहां से वापस अपनी दुनिया में लौट नहीं सकता.
जेम्स हिल्टन के पुस्तक ‘लास्ट होराइजन’ में भी इसके होने का प्रमाण मिलता है. चीन ने इस अनोखे दुनिया की रहस्य जानने की बहुत कोशिश की लेकिन उसके कुछ भी नहीं लगा. इस दुनिया को तंत्र-साधना की दुनिया के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि यहां जाने कभी वापसी नहीं कर सकता और वह गायब हो जाता है.