आज है पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, कर्ज से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष काल में करें शिव साधना

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. प्रदोष व्रत रखने से दो गायों को दान करने का पुण्य प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत के उद्यापन में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

By Radheshyam Kushwaha | January 23, 2024 7:49 AM

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. त्रयोदशी तिथि ईश्वर शिव को समर्पित है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. पौष मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 23 जनवरी 2024 दिन मंगलवार को है. धार्मिक मान्यता है कि ऋण से मुक्ति के लिए भौम प्रदोष व्रत रखा जाता है, इस दिन प्रदोष काल शिव साधना करने से सारी इच्छा पूरी होती है.

पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज

पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की आरंभ 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार की शाम 07 बजकर 51 से होगी और 23 जनवरी 2024 दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 39 मिनट तक मान्य रहेगी. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. प्रदोष काल में शिव पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 52 मिनट से रात 08 बजकर 33 तक है.

प्रदोष व्रत पूजन विधि

  • भौम प्रदोष व्रत के दिन स्नान के बाद सफेद या नारंगी रंग के कपड़े पहनें चाहिए.

  • बेलपत्र के पेड़ में जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें.

  • दिनभर निराहार रहकर शिव जी का स्मरण करें.

  • फिर शाम के समय स्नान कर बेलपत्र के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं.

  • केसर मिश्रित दूध से शिव शंभू का अभिषेक करें.

  • भांग, धतूरा, भस्म, बेलपत्र आदि शिव को चढ़ाएं.

  • भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं.

  • भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं.

  • ईश्वर शिव को साबुत चावल की खीर अर्पित करें और आरती कर प्रसाद ग्रहण करें.

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प्रदोष व्रत में भोजन कब करें?

प्रदोष व्रत के दिन पूर्ण-ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, इस दौरान तन, मन और चित्त में लोभ, ईर्ष्या और क्रोध जैसे विकारों को नहीं लाना चाहिए. प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्‍वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है. प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए. हालांकि आप पूर्ण उपवास या फलाहार भी कर सकते हैं. त्रयोदशी तिथि के अगले दिन यानी चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव का विधि-विधान से पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण करना चाहिए.

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए जरूर करें ये उपाय

भौम प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को बेलपत्र, भांग और आक के फूल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. कर्ज से छुटकारा पाने के लिए भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी के पूजा-आराधना का बड़ा महत्व है, इस दिन हनुमान चालीसा और ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है.

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