लेफ्ट के गढ़ जामुड़िया में त्रि-कोणीय मुकाबला, माकपा से आइशी हैं मैदान में

पश्चिम बंगाल के पश्चिमी बर्दवान जिला में स्थित जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र को लेफ्ट के अंतिम कुछ गढ़ में एक माना जाता है. यहां इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. माकपा की ओर से जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष को मैदान में उतारा गया है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से हरेराम सिंह तथा भाजपा से तापस राय मैदान में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2021 1:32 AM
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जामुड़िया : पश्चिम बंगाल के पश्चिमी बर्दवान जिला में स्थित जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र को लेफ्ट के अंतिम कुछ गढ़ में एक माना जाता है. यहां इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. माकपा की ओर से जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष को मैदान में उतारा गया है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से हरेराम सिंह तथा भाजपा से तापस राय मैदान में हैं.

इस क्षेत्र में सोमवार (26 अप्रैल) को मतदान होना है. तृणमूल की लहर के बावजूद इस सीट पर पिछले दो चुनावों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवार जहानारा खान को जीत मिली. इस बार पार्टी ने अनुभवी नेता की जगह छात्र नेता और युवा चेहरे को मैदान में उतारा है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष संशोधित नागरिकता कानून और नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख चेहरा रही हैं. वह इसी कोयला क्षेत्र की रहने वाली हैं. तृणमूल ने इस क्षेत्र में कोयला खदानकर्मी और पार्टी की श्रमिक इकाई के नेता नेता हरेराम सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

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इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में कोयला खनिक मतदाता हैं. यह सीट आसनोल लोकसभा क्षेत्र में आती है और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में यहां से भाजपा को खासी बढ़त मिली थी. भाजपा को उम्मीद है कि वह तापस राय के सहारे यह सीट जीत सकती है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कोलियरी क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल, प्रदूषण और खराब सड़कें प्रमुख समस्याओं में शामिल हैं. लोगों की यह भी शिकायत है कि खासी आबादी के बावजूद इस क्षेत्र में काफी कम स्कूल हैं और सिर्फ एक ही कॉलेज है.

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दामोदरपुर निवासी मुक्ता दास ने कहा, ‘हमें चिकित्सा जरूरतों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर रहना पड़ता है या फिर दुर्गापुर या आसनसोल जाना पड़ता है.’ एक अधिकारी ने बताया कि जामुड़िया में 2.22 लाख मतदाता हैं, जिनमें 27 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. करीब 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति और जनजाति के हैं.

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तृणमूल-माकपा के उम्मीदवारों ने एक-दूसरे पर लगाये आरोप

माकपा के स्थानीय नेता मनोज दत्ता ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में कुछ स्पंज आयरन कारखानों के अलावा यहां कोई बड़ा उद्योग नहीं आया है. वहीं, तृणमूल उम्मीदवार हरेराम सिंह का मानना है कि क्षेत्र के लोगों को ममता बनर्जी नीत सरकार की विभिन्न योजनाओं से फायदा हुआ है.


भाजपा उम्मीदवार को पीएम मोदी के काम का सहारा

हरेराम सिंह ने आरोप लगाया कि स्थानीय माकपा प्रतिनिधि ने क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया. भाजपा उम्मीदवार तापस राय ने दावा किया कि उन्हें लोगों से खासा समर्थन मिल रहा है और लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाये जाने वाले कदमों पर भरोसा है. इसका लाभ उनकी पार्टी को इस विधानसभा चुनाव में मिलेगा.

Posted By : Mithilesh Jha

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