पानागढ़, मुकेश तिवारी. पूर्व बर्दवान जिले के हावड़ा डिवीजन के बर्दवान के जमालपुर स्थित जौग्राम रेलवे स्टेशन के पास शनिवार सुबह ही आदिवासी सेंगल अभियान के कार्यकर्ताओं ने हावड़ा बर्दवान के मध्य रेल चक्का जाम कर दिया. इसके साथ ही स्थानीय दो नंबर हाईवे भी अवरोध कर जमकर विक्षोभ जताया गया. आदिवासियों के रेल अवरोध के कारण कई ट्रेनों को रोक दिया गया तथा कई ट्रेनों के रूट को बदल दिया गया.
इस दौरान आदिवासियों के रेलवे ट्रैक पर उतरकर आंदोलन के कारण काफी संख्या में रेल पुलिस तथा आरपीएफ को उतारा गया .किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना घटे इस बाबत कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी हालांकि आदिवासी समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक पर ही बैठ गए और अपना पारंपरिक अस्त्र शस्त्र लेकर हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर आंदोलन करते नजर आए.आदिवासी समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक पर नारेबाजी करते हुए जमे हुए थे.
आदिवासी समुदाय के कार्यकर्ताओं ने अपनी पांच सूत्री मांगों के संबंध में बताया कि गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित मरांग बुरू को कब्जे से मुक्ति दिलाना होगा. सरना धर्म कोड को 2023 में लागू करने और कुर्मी जाति को एसटी का दर्जा दिलाने तथा संथाली भाषा को सरकारी मान्यता की मांग प्रमुख थी.आदिवासी सेंगल अभियान के कार्यकर्ताओं ने जौ ग्राम रेलवे स्टेशन पहुंच कर रेल चक्का जाम कर दिया.
सुबह सैकड़ों की संख्या में आदिवासी कार्यकर्ता अपने हाथों में झंडा, बैनर लेकर रेलवे लाइन पर उतर गए. आदिवासी समुदाय के स्थानीय नेता गौतम सोरेन ने कहा कि सरना धर्म कोड को 2023 में लागू करने और कुर्मी जाति को एसटी का दर्जा दिलाने तथा संथाली भाषा को सरकारी मान्यता देने के साथ ही सारी धर्म कोड बिल को पश्चिम बंगाल विधान सभा में तत्काल पारित किया जाए, साओतली माध्यम विद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती में स्वयंसेवी शिक्षकों को तत्काल सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया जाए, फर्जी एसटी सर्टिफिकेट को रोका जाए, और जारी किए गए फर्जी सर्टिफिकेट तत्काल रद्द किए जाएं आदि मांगों को रखा गया है.