Jharkhand news: महापर्व वंदना और साेहराय की तैयारी को लेकर आदिवासी समुदाय जुट गये हैं. देवघर जिला अंतर्गत मधुपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी गांवों में इसकी तैयारी जोरों पर है. सोहराय और वंदना को लेकर महिलाएं अपने-अपने घरों को आकर्षक रंग-रोगन के साथ साफ-सफाई में जुट गये हैं.
यह पर्व हर साल आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा जाहेरथान में पूजा-अर्चना कर किया जाता है. दूसरे दिन बरद खूटा पूजा किया जाता है. तीसरे दिन खूटे गये बैल को ढोल-नगाड़े के साथ पूजा-अर्चना के बाद खोला जाता है. इसके बाद पारंपरिक नृत्य आदिवासी परिधान और मांदर की थाप पर नृत्य किया जाता है.
पौष माह में अपने नजदीकी परिवार के सदस्यों को निमंत्रण दिया जाता है. पर्व को लेकर सोमवार को मांझी हडाम (नायके) द्वारा स्नान कर जाहेरथान में पूजा-अर्चना की गयी. इसके बाद मांदर और नगाड़ा के साथ गांव के हर घर में गौ माता की पूजा और गीत गाकर सुख समृद्धि की कामना की जाती है.
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मधुपुर प्रखंड क्षेत्र के बड़बाद, शेखपुरा, महुआडाबर, जाभागुढ़ी, राजाभिट्टा, बावन बीघा कोल टीला, सिकटिया, दारवे, तितमो, नेमुआडीह, भिरखीबाद, फतेहपुर, जोडामो, चौरा, चपरी, सरपता आदि दर्जनों गांवों में वंदना पर्व की तैयारी में लोग जुट गये हैं.
वहीं, मारगोमुंडा प्रखंड क्षेत्र के सालमंटरा, परसिया, नावाडीह, टीकोपहाड़ी, सुग्गापहाड़ी समेत अन्य आदिवासी गांवों में वंदना पर्व की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. लोग अपने-अपने घरों में साफ-सफाई और सजावट की तैयारी कर रही है. आदिवासी समुदाय की महिलाएं अपने-अपने घरों को सजाने के लिए आकर्षक रंगों का प्रयोग कर रही है.
पर्व को लेकर पूजा की सामानों की खरीदारी की गयी. बहन और बेटियों को निमंत्रण भेजा गया. मान्यता है कि इस पर्व में बहन और बेटी को आमंत्रण दिया जाता है. यह पर्व आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व है. लोग आपस में गले-शिकवे दूर कर इस पर्व को मनाते हैं.
Posted By: Samir Ranjan.