कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा देने की मांग के विरोध में आदिवासियों का 12 घंटे का बंगाल बंद
बालासोर हादसे को ध्यान में रखते हुए रेलवे को बंद के दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया गया है. संगठन के नेताओं ने दवा और आवश्यक दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद रखने का अनुरोध किया है. फोरम के संयोजक रवींद्रनाथ मुर्मू ने कहा कि बंद पूरी तरह से सफल होगा.
West Bengal News Today: कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ ऑल आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ वेस्ट बंगाल (United Forum of All Adivasi Organisation of West Bengal) ने 8 जून को 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया है. बंद को सफल बनाने के उद्देश्य से पिछले कई दिनों से कई जिलों में आदिवासी संगठनों ने जोर-शोर से प्रचार किया. यूनाइटेड फोरम में 25 संगठन शामिल हैं. बंद सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बुलाया गया है. हालांकि बंद के दायरे से रेलवे को बाहर रखा गया है. साथ ही एंबुलेंस, शववाही वाहन व आवश्यक वाहनों के लिए छूट की घोषणा की गयी है.
रेलवे को बंद से इस बार रखा गया है मुक्त
बालासोर हादसे को ध्यान में रखते हुए रेलवे को बंद के दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया गया है. संगठन के नेताओं ने दवा और आवश्यक दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद रखने का अनुरोध किया है. फोरम के संयोजक रवींद्रनाथ मुर्मू ने कहा कि बंद पूरी तरह से सफल होगा. वहीं आदिवासी नेता संगिरी हेम्ब्रम ने बताया कि बांकुड़ा के पुआबागान एवं हेवी मोड़ पर अवरोध किया जायेगा.
पुरुलिया में 19 जगह रोड जाम करेंगे आंदोलनकारी
दूसरी ओर पुरुलिया में 19 स्थानों में संगठन के सदस्य सड़क अवरोध करेंगे. इसमें बेनागोड़िया, हरीडी मोड़, लालपुर मोड़, गमार खुली मोड़, जामदा चौक, बामुंडिया, बांदवान चौक, राइस मिल मोड़, बलरामपुर कॉलेज मोड़, कुयलापाल मोड़, सिंदरी बाजार मोड़, मधुकुंडा पीलचु हराई मोड़, कालीमाटी मोड़, धातकीडीह मोड़ शामिल हैं. पुरुलिया में भी आदिवासी संगठनों ने बंद को सफल बनाने के लिए जोरशोर से प्रचार किया. गौरतलब है कि कुड़मी समाज के लोग लंबे समय से एसटी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, जबकि आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं.