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Jharkhand news: तपकारा गोलीकांड के शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि, जल, जंगल और जमीन की रक्षा का लिया संकल्प

jharkhand news: खूंटी के तपकारा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. श्रद्धांजलि देते वक्त कई लोगों की आंखें भी नम हो गयी. इस दौरान उपस्थिति लाेगों ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा का संकल्प लिया. 2 फरवरी, 2001 को हुई गोलीकांड में 8 आंदोलनकारी शहीद हुए, वहीं तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2022 6:22 PM

Jharkhand news: दो फरवरी, 2001 को हुए तपकारा गोलीकांड के शहीदों को बुधवार को श्रद्धांजलि दी गयी. कोरोना महामारी के कारण इस साल भी कोई सभा नहीं हुई. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सबसे पहले शहीद परिवार के लोगों ने श्रद्धांजलि दी. उन्होंने शहीद की वेदी पर पवित्र जल, तेल, अरवा चावल आदि का छिड़काव कर फूल माला चढ़ाया. शहिदों की कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर मोमबत्ती जलाई गई.

नम हुई आंखें

इसके बाद कोयल कारो जनसंगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष सोमा मुंडा, महासचिव विजय गुड़िया आदि सहित शीर्ष समिति के सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि देने के दौरान वह उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गयी. दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी किया गया.

शहीद के आश्रितों को नौकरी दे सरकार

इस अवसर पर कोयल करो जनसंगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष सोमा मुंडा ने कहा कि तपकारा गोलीकांड की घटना एक काला अध्याय है. अपनी माटी की रक्षा के लिए इस घटना में 8 आंदोलकारी साथी शहीद हुए तथा 36 लोग घायल हुए. घायल परिवारों की स्थिति आज भी दयनीय है. सरकार तपकारा गोलीकांड के शहीदों एवं घायलों के आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी दे.

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कुर्बानी बेकार नहीं जायेगी

विजय गुड़िया कोयल कारो जनसंगठन के महासचिव विजय गुड़िया ने कहा कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए हमारे 8 साथी शहीद हुए. हम उनकी कुर्बानी को बेकार नहीं जाने देंगे. जल, जंगल और जमीन की रक्षा की लड़ाई जनसंगठन आगे भी जारी रखेगी.

भाषा, संस्कति व माटी को बचाने के लिए दी कुर्बानी

वहीं, झामुमो केंद्रीय समिति के सदस्य सुदीप गुड़िया भी शहीद स्थल पहुंच कर शहीदों को श्रद्धांजलि दिया. उन्होंने कहा कि शहीदों की कुर्बानी को क्षेत्र के लोग कभी नहीं भूल पायेंगे. अपनी भाषा, संस्कृति और माटी को बचाने के लिए इन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी. श्रद्धांजलि देनेवालों में हाबिल गुड़िया, मसीह दास गुड़िया, रेजन गुड़िया, जोलेन बरला, दिलबर बरला, सुबोध पूर्ति, निरल तोपनो, उदय चौधरी, सहदेव बड़ाईक, सेरेंग पतरस गुड़िया, कल्याण कंडुलना, बरदानी कंडुलना, निकोलस कंडुलना, झिरगा कंडुलना आदि उपस्थित थे.

रिपोर्ट : सतीश शर्मा, तोरपा, खूंटी.

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