कोलकाता (नवीन कुमार राय) : बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 से पहले दिसंबर के महीने में राज्य का तापमान भले कम हो, राजनीतिक तापमान चरम पर है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी और राज्य की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस एक-दूसरी पार्टी को तोड़ने में व्यस्त है, तो कांग्रेस और वामदल के नेता इसके मजे ले रहे हैं.
भाजपा में तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे शुभेंदु अधिकारी के शामिल होने से भगवा शिविर का जोश हाई है, तो जवाबी कार्रवाई में तृणमूल कांग्रेस ने भी भाजपा सांसद सौमित्र खान की पत्नी को पार्टी में शामिल कराकर विरोधी खेमे में तहलका मचा दिया है. इस पर वामपंथियों ने घास-फूल और कमल शिविर में हो रहे दलबदल का जमकर मजाक उड़ाया.
वाम मोर्चा विधायक दल के नेता नेता सुजन चक्रवर्ती ने शुभेंदु अधिकारी के पार्टी बदलने का मजाक उड़ाया. वहीं, तृणमूल नेता ने भी ट्वीट करके उनके इस कदम की आलोचना की. सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के साथ-साथ वाम-कांग्रेस गठबंधन की भी गतिविधियां चरम पर हैं.
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राजनीतिक दलों के नेता अपने कार्यक्रमों की व्यवस्था करके जनता का ज्यादा से ज्यादा समर्थन हासिल करने में जुटे हैं. भगवा शिविर येन-केन-प्रकारेण वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लिए बेताब है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी को उम्मीद है कि बंगाल में इस बार भाजपा की सरकार बनेगी.
শুধু মনে করিয়ে দেওয়া।
কমরেড জ্যোতি বসু বলেছিলেন –
'ঘাড়ে করে এরাজ্যে
বিজেপিকে এনে প্রতিষ্ঠিত করছে,
এটাই মমতার সবচেয়ে বড় অপরাধ'।।এখন হাড়ে হাড়ে সবাই টের পাচ্ছেন।
বুঝতে পারছেন বিপদটা।। pic.twitter.com/apDTwNvuec— Dr.Sujan Chakraborty (@Sujan_Speak) December 21, 2020
उन्हें यह भी विश्वास हो चला है कि आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में 200 से अधिक सीटें पार्टी जीतेगी. भाजपा के शीर्ष नेताओं में शुमार अमित शाह ने एक दिन पहले ही अपना दो दिवसीय बंगाल दौरा समाप्त किया है. विधानसभा चुनावों से पहले शुभेंदु का भगवा शिविर में आना भाजपा को अतिरिक्त ऑक्सीजन दे रहा है. पूरे प्रकरण का माकपा विधायक सुजन चक्रवर्ती ने मजाक उड़ाया है.
ट्विटर पर सुजन चक्रवर्ती ने लिखा, ‘खबर यह नहीं है कि शुभेंदु अधिकारी सार्वजनिक रूप से भाजपा में शामिल हो गये. खबर यह है कि जब माननीय भाजपा से अघोषित रूप से प्रकट होंगे.’ उन्होंने कहा कि बंगाल में इस तरह की राजनीति का कोई चलन नहीं है. लेकिन, ममता बनर्जी ने इसकी शुरूआत की. उन्हीं के कारण सांप्रदायिक शक्ति भाजपा का बंगाल में उदय हुआ है.
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ही हाथ पकड़ कर भाजपा को पश्चिम बंगाल में लायी. इसका खामियाजा आज उन्हें भुगतना पड़ रहा है. अपने स्वार्थ के लिए उन्होंने पहले विरोधी दल कांग्रेस व वाम मोर्चा को कमजोर किया. आज हालात बदल रहे हैं. कांग्रेस व वाम मोर्चा दिनोंदिन मजबूत हो रही है और तृणमूल कांग्रेस के खेमे में भाजपा सेंधमारी कर रही है.
Posted By : Mithilesh Jha