पश्चिम बंगाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) “संघवाद पर हमले” पर एक विशेष प्रस्ताव लायेगी. विधानसभा सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है. तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव 28 नवंबर को पेश किया जायेगा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेंगी. यह प्रस्ताव ”पश्चिम बंगाल विधान सभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम” 169 के तहत पेश किया जायेगा. राज्य मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार जिस तरह से कुछ संस्थानों की स्वायत्त प्रकृति और विरासत को ध्वस्त करने का काम कर रही है, वह देश के संघीय ढांचे के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है.
देश के संघीय ढांचे पर हमले के अलावा ऐसी हरकतें वास्तव में धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के लिए चिंताजनक हैं. इसलिए हमने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि विधायक इस मुद्दे पर बहस में भाग ले सकें. हालांकि, पश्चिम बंगाल में भाजपा नेतृत्व उस प्रस्तावित प्रस्ताव को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहता. पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य के अनुसार, चूंकि तृणमूल कांग्रेस सही मायने में एक राजनीतिक दल नहीं है, इसलिए उसके द्वारा उठाए गए ऐसे प्रस्ताव पूरी तरह से अप्रासंगिक हैं. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने हमेशा पश्चिम बंगाल विधानसभा की समृद्ध संस्कृति और विरासत को बदनाम किया है.
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राज्य विधानसभा में शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरू होने वाला है. इससे पहले बुधवार को विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक व बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई. विधानसभा में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बिमान बनर्जी ने बताया कि 24 नवंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, जो 30 तक चलेगा. 24 नवंबर को शुक्रवार है. पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने के बाद दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी जायेगी. मंगलवार से तीन दिनों तक विधानसभा का सत्र चलेगा.
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