तृणमूल सांसद काकोली घोष ने कहा, महिला आरक्षण विधेयक सरकार का छलावा
विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने हस्तक्षेप करते हुए इन आरोपों को निराधार करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसरो के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन/मानदेय मिल रहे हैं तथा पूर्व कर्मचारियों को पेंशन भी दिया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक को सरकार का राजनीतिक छलावा करार देते हुए इसके क्रियान्वयन को लेकर सत्ता पक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किये. दस्तीदार ने महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक लेकर तो आयी है, लेकिन उसने इसके साथ अपने ही ऊपर कई सवाल खड़े किये हैं. इस विधेयक को जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किये जाने का सरकार का निर्णय उसकी ‘कुटिल चाल’ है. उन्होंने भाजपा सदस्यों से आग्रह किया कि वे केवल शब्दों से ही नहीं, बल्कि मन, कर्म और वचन से महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें.
राज्यों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
दस्तीदार ने देश के लिए पदक जीतने वाली महिला पहलवानों के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न का हवाला देते हुए कहा कि महिला पहलवान लंबे समय तक जंतर मंतर पर प्रदर्शन करती रहीं, लेकिन आरोपी सदस्य ब्रजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. उन्होंने विभिन्न राज्यों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों का भी हवाला दिया और महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के सरकार के प्रयास को राजनीतिक कवायद की संज्ञा दी.
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40 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करे सरकार
उन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों में टीएमसी की महिला सदस्यों की संख्या पहले से ही 40 प्रतिशत है और यदि सरकार महिलाओं को सशक्त करने के प्रति सच्चा प्रयास करना चाहती है तो वह 33 प्रतिशत के बजाय 40 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करे.
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महिला ‘जॉबकार्ड’ धारकों को भी नहीं किया जा रहा भुगतान
दस्तीदार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में महिला वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, प्राध्यापकों को वेतन/मानदेय का भुगतान समय पर नहीं किये जाने का सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आईआईटी, खड़गपुर में भी महिला प्राध्यापकों और महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की महिला ‘जॉबकार्ड’ धारकों को भी भुगतान नहीं किया जा रहा.
सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया
उनकी इस बात पर सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया. बाद में पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने हस्तक्षेप करते हुए इन आरोपों को निराधार करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसरो के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन/मानदेय मिल रहे हैं तथा पूर्व कर्मचारियों को पेंशन भी दिया जा रहा है. दस्तीदार ने महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बजटीय प्रावधान पर सवाल खड़े किये.
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कूचबिहार से विमान सेवा बढ़ाने की पहल शुरू
विमान के मार्फत कूचबिहार से कोलकाता आने वाले यात्रियों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, लिहाजा कूचबिहार हवाई अड्डे से अधिक सीटों वाली उड़ानों की मांग कई महीनों से बढ़ रही है. फिलहाल नौ यात्रियों को लेकर यहां से विमान सेवा चल रही है. लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए इस बार जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस संबंध में पहल की है. यात्रियों का मानना है कि प्रशासनिक पहल से कोलकाता और कूचबिहार के बीच संपर्क आसान हो जायेगा.फिलहाल यहां सेवा दे रही इंडिया वन एयर नाम की कंपनी ने पिछले फरवरी महीने में कूचबिहार में अपनी सेवा शुरू की थी. वे 9-सीटर विमान के माध्यम से सेवाएं प्रदान करते हैं. लेकिन 9 सीटर विमान यात्रियों की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है.
एयरपोर्ट के रनवे को दोबारा किया जा रहा है तैयार
उनका दावा है कि जरूरी जरूरतों के चलते उन्हें हर दिन टिकट नहीं मिल पाता है. समस्या यह है कि एयरवन इंडिया के पास सभी नौ सीटर ही विमान हैं. नतीजतन, जब तक कोई नई कंपनी कूचबिहार से संचालित नहीं होगी, तब तक सीटों की संख्या बढ़ने की संभावना नहीं है. वहीं, अगर कोई नया कंपनी विमान उड़ाती है तो विमान उड़ाने वाले कंपनी आपत्ति जता सकती हैं. ऐसे में उन्हें नुकसान होने की आशंका रहेगी. जिलाधिकारी पवन कादियान ने इस सिलसिले में कूचबिहार एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद उन्होंने कहा, ”एयरपोर्ट के रनवे को दोबारा तैयार किया जा रहा है. इमरजेंसी गेट का काम लगभग पूरा हो चुका है. लोगों की मांग बढ़ रही है ऐसे में अब थोड़ा बड़ा विमान उड़ाने की कोशिश शुरू हो गई है.
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