पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने संसद की सुरक्षा में भारी चूक को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की. संसद में बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और उन्होंने केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैलाया है. तृणमूल ने लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वालों की निगरानी में तंत्र में हुई इस चूक पर चिंता व्यक्त की और जवाबदेही तय करने पर जोर दिया है. संसद पर 2001 में हुए हमले की बरसी के दिन हुई इस घटना से सांसदों में दहशत फैल गई.
घटना की प्रत्यक्षदर्शी तीन बार की तृणमूल सांसद काकोली घोष दास्तीदार ने केन लेकर सदन में दो अज्ञात लोगों के प्रवेश पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम घबरा गए क्योंकि वे दोनों अचानक दर्शक दीर्घा से कूद गए थे. पहले तो हमें लगा कि शायद कोई दर्शक दीर्घा से गिर गया है, लेकिन कुछ ही सेकंड बात यह अहसास हो गया कि दोनों व्यक्ति जानबूझकर कूदे हैं और उन्होंने केन खोल दिए. यह वास्तव में भयावह है और सुरक्षा में बड़ी चूक है.
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पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, ‘‘यह सुरक्षा में बड़ी चूक है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. खामियों को सुधारा जाना चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए. टीएमसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से सुरक्षा खामियों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और अमित शाह के अधीन आने वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया. पोस्ट में कहा, ‘‘नया भारत, नई संसद, नये कानून. वही पुरानी सुरक्षा चूक. आज, पुराने संसद भवन पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर केन से पीला धुआं छोड़ते हुए दो अज्ञात लोग दर्शक दीर्घा से कूद गए और लोकसभा कक्ष में भाग गये. ‘इतनी गंभीर चूक कैसे हुई, खासकर तब जब अमित शाह के गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया था ? और आगंतुकों को किसके नाम पर पास जारी किए गए थे?
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भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा इस प्रकार की घटना का कतई समर्थन नहीं किया जा सकता. लेकिन इस घटना पर राजनीति भी नहीं होनी चाहिए. सांसदों के पास हमेशा ही लोग आते हैं और विजिटर पास की मांग करते हैं. अगर उन्हें विजिटर पास देने से मना किया जाता है, तो इसे लेकर विपक्षी पार्टी के नेता हमलावर हो जाते हैं. श्री मजूमदार ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सांसदों द्वारा जिन्हें विजिटर पास जारी किया जाता है, वह उसे व्यक्तिगत रूप से जानते हों. सभी पार्टी के सांसद विजिटर पास जारी करते हैं, इसलिए इस घटना पर राजनीति की बजाय सुरक्षा को लेकर बहस होनी चाहिए.