पश्चिम बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव (Panchayat Election) होने हैं. इसकी तैयारी में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भी अभी से जुट गयी है. तृणमूल नेतृत्व की ओर से पार्टी से जुड़े संगठनों को अपने स्तर पर पंचायत चुनाव के मद्देनजर जनसंपर्क बढ़ाने का निर्देश है. चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश तृणमूल महिला कांग्रेस ने भी कमर कस ली है. तृणमूल महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष चंद्रिमा भट्टाचार्य ने घोषणा की कि एक नवंबर से उनके संगठन की ओर से राज्यभर में ‘चोलो ग्राम’ यानी ‘चलो गांव’ अभियान छेड़ा जायेगा.
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‘चोलो ग्राम’ यानी ‘चलो गांव’ अभियान के तहत संगठन से जुड़ी महिलाएं हर गांव के लोगों से जुड़ेंगी. यह अभियान 12 जनवरी तक चलेगा. अभियान की शुरुआत हावड़ा से होगी. उन्होंने बताया कि एक नवंबर से ही उनके संगठन की ओर से राज्य के हर जिले में महिला पंचायती सभा होगी. श्रीमती भट्टाचार्य ने बताया कि तृणमूल सरकार पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षित ही नहीं, बल्कि सामान्य सीटों पर भी महिला प्रत्याशी उतारने के पक्ष में है. उनका दावा है कि तृणमूल के सत्ता में आने के बाद राज्य में महिला सशक्तीकरण को और शक्ति मिली है. वहीं भाजपा की ओर से भी पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है.
इस बार पंचायत समिति के सीटों की संख्या 9498 होगी, जबकि 2018 के पंचायत चुनाव में पंचायत समिति की 9217 सीटों के लिए मतदान हुआ था. इस बार पंचायत समिति की 281 सीटें बढ़ाई गयी हैं. इसके साथ ही जिला परिषद में भी 103 सीटें बढ़ायी गयी हैं. इस बार के पंचायत चुनाव में जिला परिषद में 928 सीटों के लिए मतदान होगा, जबकि 2018 में इसकी संख्या 825 थी. राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार का पंचायत चुनाव राज्य पुलिस की निगरानी में ही होगा. गौरतलब है कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को 20 जिलों की परिसीमन सूची जारी की गई है.