बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में गौ तस्करी मामले में बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के तिहाड़ जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) द्वारा बीरभूम जिले में तैयार नौ सदस्यों को लेकर कोर कमेटी को सख्त निर्देश कालीघाट से जारी किया गया है. जिले के दो लोकसभा सीट बोलपुर और बीरभूम पर पुनः दखल को लेकर अभी से ही कमर कस लेने को कहा गया है. यही कारण है की जिले के सभी ब्लॉक में कोर कमेटी के नेता प्रत्येक सप्ताह बैठक कर अपनी चुनावी रणनीति बना रहे है. चूंकि बीरभूम जिले के दो लोकसभा क्षेत्र राज्य के उन कुछ लोकसभा क्षेत्रों में से हैं, जिन पर दोनों सत्ता विरोधी दलों की नजर लोकसभा चुनाव में है.
बोलपुर और बीरभूम इन दोनों लोकसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस अब तक जीतते आ रही है. पिछले लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में तृणमूल कांग्रेस की सांसद ने जीत दर्ज किया है. 2021 में भी यहां तृणमूल को शानदार नतीजे मिले थे. हालांकि, राजनीतिक हलकों की मानें तो अनुब्रत मंडल लंबे समय से इस जिले की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. लेकिन अनुब्रत के नहीं रहने पर अब जिले में तृणमूल कांग्रेस की कोर कमेटी के गठन के बाद यह कमेटी ही देखभाल कर रही है. कभी-कभी सत्तारूढ़ दल को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. संगठन को लेकर हाल ही में भाजपा नेता और गृहमंत्री अमित शाह बीरभूम जिले में जाकर सभाएं कीं है. उन्होंने इस जिले की धरती पर खड़े होकर राज्य भर में 35 लोकसभा सीटों का लक्ष्य तय किया था.
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इसलिए तृणमूल कांग्रेस इस जिले पर अतिरिक्त ध्यान दे रही है. अनुब्रत मंडल को अगस्त 2022 में गाय तस्करी के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. बाद में इस केस में ईडी भी शामिल हो गई थी फिर ईडी अनुब्रत को दिल्ली ले गई .अनुब्रत फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं . इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीरभूम जिले के दौरे पर आई और घोषणा की कि वे इस जिले में पार्टी का संगठन दिखेंगी. कुछ महीने पहले उन्होंने बीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को लेकर एक अलग बैठक किया था. जिसके बाद बीरभूम में 9 सदस्यीय तृणमूल जिला पार्टी कोर कमेटी का गठन कर घोषणा भी की गई थी.
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कोर कमेटी के सदस्यों को ब्लॉक-दर-ब्लॉक जाकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने का निर्देश दिया गया था. सप्ताह में कम से कम एक बार ब्लॉक के नेताओं से बैठक कर रणनीति बनाने पर बल दिया गया था.बीरभूम जिले में पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. बहरहाल लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने जिले में अपना राजनीतिक एजेंडा तेज कर दिया है. भाजपा ने बोगतुई की घटना को फिर से चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. वही भाजपा राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी अपना चुनावी रणनीति तय करेंगी. ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीरभूम जिला कोर कमेटी को लेकर पुनः नई रणनीति तय कर सकती है.
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