मुर्शिदाबाद में भी चुनाव पूर्व हिंसा, तृणमूल कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या
छठे चरण के मतदान से पहले भारत की सबसे अधिक अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाले जिला मुर्शिदाबाद में यह घटना हुई है. मंगलवार रात बम मारकर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया. घटना उसी हरिहरपाड़ा की है, जहां एक दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ता को मार डाला गया था.
कोलकाता : उत्तर 24 परगना के कई विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार देर रात से लेकर सुबह तक बम विस्फोट की सूचना के बाद अब चुनाव पूर्व हिंसा की खबर मुर्शिदाबाद से आयी है. यहां तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या कर दी गयी है.
गुरुवार को छठे चरण के मतदान से पहले भारत की सबसे अधिक अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाले जिला मुर्शिदाबाद में यह घटना हुई है. मंगलवार रात बम मारकर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया. घटना उसी हरिहरपाड़ा की है, जहां एक दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ता को मार डाला गया था.
मृतक की पहचान बादल घोष के तौर पर हुई है. वह तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता था. जिला प्रशासन के मुताबिक, यहां हिंसा की शुरुआत सोमवार आधी रात से ही हो गयी थी. मंगलवार को दिन भर रह-रहकर टकराव होता रहा और देर रात को हरिहरपाड़ा इलाके में भारी तनाव के बीच रात 10:30 बजे फिर से बमबाजी शुरू हो गयी.
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डर के मारे लोगों ने अपने-अपने घरों की खिड़कियां दरवाजे बंद कर लिये. सभी लोग अपने-अपने घरों में दुबक गये. कुछ देर बाद एक व्यक्ति के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर लोग बाहर निकले, तो देखा कि एक युवक सड़क पर रक्तरंजित हालत में पड़ा हुआ है. वह तृणमूल कार्यकर्ता था.
तृणमूल कार्यकर्ता को लहूलुहान अवस्था में देख पार्टी के अन्य सदस्य तुरंत वहां पहुंचे. बादल की गर्दन पर गहरे घाव के निशान थे. लगातार खून बह रहा था. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. उसके शरीर के कई हिस्से बम की चपेट में आने की वजह से जल गये थे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
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TMC ने कांग्रेस, बीजेपी पर हिंसा का लगाया आरोप
जिला तृणमूल के नेता अशोक दास ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने इलाके में वर्चस्व के लिए हिंसा की है. उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही इसी हरिहरपाड़ा इलाके में कासिम अली (52) की हत्या कर दी गयी थी. वह कांग्रेस का कार्यकर्ता था.
कासिम अली रायपुर से चुनावी सभा से लौट रहे थे. उसी समय कुछ लोगों ने उन पर लाठी, लोहे के रॉड और धारदार हथियार से हमला कर दिया था. इसका आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगा था, जिसके बाद तनाव का माहौल था और इसके बाद से ही टकराव की शुरुआत हो गयी थी.
पहले चरण के चुनाव से जारी है वोटिंग पूर्व हिंसा
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने तमाम इंतजाम किये हैं. बावजूद इसके बंगाल में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. 27 मार्च को पहले चरण के मतदान से पहले भी हिंसा हुई थी. हिंसा का यह दौर लगातार जारी है.
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Posted By : Mithilesh Jha