मोहन भागवत के प्रवास के दौरान केशव भवन के सामने तृणमूल कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
राज्य प्रशासन के खुफिया विभाग व सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है. इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन होने की जानकारी कैसे राज्य प्रशासन के पास नहीं थी, यह जांच का विषय है. उन्होंने आगे कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के महानगर के प्रवास के दौरान मंगलवार की देर रात केशव भवन के सामने तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया. जानकारी के अनुसार, मंगलवार मध्य रात्रि के समय करीब 25-30 तृणमूल कांग्रेस समर्थक बाइक के वहां से पहुंचे और नारेबाजी करने लगे. उस समय श्री भागवत केशव भवन में थे. इस संबंध मं आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख (दक्षिण बंगाल) विप्लव राय ने बताया कि श्री भागवत को जेड प्लस सुरक्षा मिली है और उसके बावजूद यहां कैसे विरोध प्रदर्शन किया गया. यह राज्य प्रशासन के खुफिया विभाग व सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है. इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन होने की जानकारी कैसे राज्य प्रशासन के पास नहीं थी, यह जांच का विषय है. उन्होंने आगे कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए. वहीं, इस घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी संज्ञान लिया है और इस बारे में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को लेकर राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली ने मामले पर जल्द रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया. उस आदेश में कहा गया है कि उस रात घटना की पूरी जांच की जाए और रिपोर्ट भेजी जाए. खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक केशव भवन के प्रभारी अधिकारियों से भी इसी मामले पर चर्चा हुई है.इसके बाद आनन-फानन में फोन पर मामले की जानकारी दिल्ली में दी गई. राजधानी में कार्यरत केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने निर्देश दिया कि इस मामले पर पूरी रिपोर्ट भी भेजी जाये. निर्देश मिलते ही देर रात पूरी रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली भेज दी गई है.
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मंगलवार की देर रात बाइक से पहुंचे थे करीब 30 तृणमूल कार्यकर्ता
केंद्रीय खुफिया एजेंसी की कार्यप्रणाली के अनुसार यदि किसी राज्य में रात के समय बिना किसी आपातकालीन स्थिति के कोई घटना होती है, तो संबंधित राज्य का खुफिया कार्यालय खुलने के बाद अगली सुबह एक रिपोर्ट तैयार की जाती है और दिल्ली भेजी जाती है. लेकिन इस मामले में दिल्ली इंतजार नहीं करना चाहती थी. हालांकि कोलकाता विभाग को यह नहीं बताया गया है कि रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय की ओर से कोई कार्रवाई की जायेगी या नहीं. मोहन भागवत उन चंद लोगों में से एक हैं जिनके ‘वीवीआईपी’ की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय हमेशा सतर्क रहता है.